दक्षिण भारत में मूसलाधार वर्षा से फसलों को हानि की आशंका

23-Oct-2025 06:03 PM

चेन्नई। बंगाल की खाड़ी के ऊपर बने कम दाब के क्षेत्र के डिप्रेशन में बदलने तथा स्थलीय भाग की ओर इसका प्रवाह होने से दक्षिण भारत के प्रायद्वीपीय इलाकों में तेज हवा के साथ भारी वर्षा होने से खरीफ फसलों को कुछ नुकसान पहुंचने की आशंका है।

तमिलनाडु में धान की जोरदार कटाई-तैयारी हो रही है और प्रमुख उत्पादक जिलों की महत्वपूर्ण मंडियों में इसकी अच्छी आपूर्ति एवं सरकारी खरीद हो रही है। सरकारी क्रय केन्द्रों पर खरीदे गए धान का स्टॉक रखा हुआ है जिसमें बारिश की वजह से नमी का अंश बढ़ सकता है। 

तमिलनाडु के अलावा आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल, पॉन्डिचेरी एवं तेलंगाना जैसे राज्यों से कई क्षेत्रों में भी बारिश होने की सूचना मिल रही है।

जहां सामान्य या हल्की वर्षा हुई है अथवा गरज-चमक के साथ बौछार पड़ी है वहां स्थिति लगभग संतोषजनक है लेकिन जिन क्षेत्रों में भारी या अत्यन्त मूसलाधार बारिश हुई है अथवा हो रही है वहां खरीफ फसलों के नुकसान की आशंका बढ़ती जा रही है।

केरल तथा तमिलनाडु में अभी छोटी (हरी) इलायची की तुड़ाई-तैयारी का सीजन चल रहा है। इस वर्षा से इलायची के दाने की क्वालिटी प्रभावित होने की संभावना है। उधर आंध्र प्रदेश, तेलंगाना एवं कर्नाटक में हल्दी तथा लालमिर्च की फसल पर भी इस बारिश का असर पड़ सकता है।

दक्षिण-पश्चिम मानसून के प्रस्थान करने के बाद अब उत्तर-पूर्व-मानसून की सक्रियता का समय आरंभ हो गया है जो कमोबेश दिसम्बर के अंत तक बरकरार रहने की उम्मीद है।

उल्लेखनीय है कि इस उत्तर पूर्व मानसून की सक्रियता से दक्षिण भारत में भारी वर्षा होने की परिपाटी रही है। इससे वहां रबी फसलों की बिजाई में सहायता मिलती है।

इस बारिश से केरल और कर्नाटक में कालीमिर्च की फसल को फायदा होने की उम्मीद की जा रही है। वर्षा का दौर अगले कुछ दिनों तक जारी रहने का अनुमान है।