ट्रम्प की टैरिफ निर्यात नीति से अमरीकी किसानों को हो रहा है नुकसान
23-Oct-2025 07:58 PM

शिकागो। अमरीका के राष्ट्र्पति डोनाल्ड ट्रम्प की हठधर्मिता और बेतुकी टैरिफ नीति से स्वयं अमरीकी किसानों को भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है और उसकी चिंता एवं बेचैनी बढ़ती जा रही है।
चीन ने अमरीका से सोयाबीन खरीदना बंद कर दिया है। भारत अमरीकी जीएम मक्का खरीदने के लिए तैयार नहीं है और कई अन्य देशों ने भी अमरीकी कृषि उत्पादों के आयात में कटौती करनी शुरू कर दी है।
इसके फलस्वरूप अमरीका में विभिन्न कृषि उत्पादों की आपूर्ति एवं उपलब्धता बढ़ती जा रही है और कीमतों पर दबाव पड़ने लगा है। मिनीसोटा प्रान्त के किसान सरकार की टैरिफ नीति से काफी परेशान हैं।
उत्पादकों का कहना है कि नई टैरिफ नीति से विनाशकारी स्थिति उत्पादन हो गई है। इस नीति के पीछे कोई लॉजिक नहीं है जबकि इससे समूचे संसार में उथल-पुथल मच गई है।
अमरीकी राष्ट्रपति की कलम से हुए एक हस्ताक्षर ने अमरीकी किसानों और कृषि क्षेत्र का भविष्य अनिश्चित कर दिया है। अमरीकी दलहन उत्पादकों के लिए निर्यात बाजार गायब होता जा रहा है और घरेलू बाजार की हालत भी अच्छी नहीं है। अमरीका सरक़ार की खाद्य सहायता का कार्यक्रम पहले कुछ खास दलहनों के उत्पादकों के लिए काफी राहतपूर्ण होता था मगर अब उसे भी बंद कर दिया गया है।
दलहन उत्पादकों के संगठन ने भी अमरीकी टैरिफ नीति के प्रति निराशा व्यक्त करते हुए कहा है कि राष्ट्रपति कृषि उत्पाद बाजार को गतिशील बनाने की किस तरह की रणनीति बना रहे हैं यह किसी की समझ में नहीं आ रहा है।
अमरीका में प्रत्यके कृषि उत्पाद का कारोबार सुस्त पड़ गया है और उसकी कीमत नीचे की ओर फिसलती जा रही है। यह स्थिति भविष्य के लिए घातक साबित हो सकती है।
अन्य देशों में किसानों के पास इतनी स्वतन्त्रता तो है कि वह अपनी सरकार से शिकायत कर सके लेकिन अमरीका में सरकार कृषक समुदाय की समस्यायों एवं चिंताओं को सुनने-समझने के लिए भी तैयार नहीं है।
कृषि संगठनों को भरोसा है कि आगामी महीनों के दौरान दलहनों के बाजार में कुछ तेजी आ सकती है क्योंकि देर-स्वर इसकी वैश्विक मांग बढ़ने की उम्मीद है। यद्यपि मौजूदा हालात अच्छे नहीं हैं लेकिन यह स्थिति हमेशा बरकरार नहीं रहेगी।