तेलंगाना में कपास की सरकारी खरीद शुरू होने से उत्पादकों को राहत
23-Oct-2025 05:48 PM

हैदराबाद। दक्षिण भारत के सबसे प्रमुख रूई उत्पादक राज्य- तेलंगाना में 22 अक्टूबर से कपास की सरकारी खरीद आरंभ करने की घोषणा पहले ही की जा चुकी थी और इसके अनुरूप वहां खरीद की प्रक्रिया आरंभ होने से किसानों को काफी राहत मिलने की उम्मीद है।
दरअसल राज्य में कपास की तुड़ाई-तैयारी पहले ही शुरू हो गई थी लेकिन सरकारी खरीद के अभाव में किसानों को औने-पौने दाम पर अपना उत्पाद बेचने के लिए विवश होना पड़ रहा था।
यद्यपि भारी वर्षा एवं खेतों में जल जमाव के कारण तेलंगाना में कपास की फसल को कई इलाकों में क्षति हुई है और इसका रकबा भी सामान्य औसत क्षेत्रफल से कम रहा है लेकिन फिर भी वहां कपास की औसत उपज दर 8 क्विंटल प्रति एकड़ तक पहुंचने की संभावना है जिससे कुल मिलाकर उत्पादन सामान्य हो सकता है।
केन्द्र सरकार ने 19 अगस्त को \रूई के आयात को सीमा शुल्क से पूरी तरह मुक्त कर दिया था। यह निर्णय 31 दिसम्बर 2025 तक वैध रहेगा। इससे टैक्सटाइल मिलों को विदेशों से सस्ती रूई का भारी आयात करने का प्रोत्साहन मिल रहा है।
हालांकि कपास उत्पादकों ने सरकार के इस निर्णय पर गहरी चिंता व्यक्त की थी लेकिन कपड़ा मंत्रालय ने आश्वासन दिया कि किसानों से कपास की सम्पूर्ण मात्रा की खरीद की जाएगी।
ऑल इंडिया किसान सभा के अनुसार इस वर्ष कपास का भाव अच्छा रहने और इसकी उपज दर बेहतर रहने की उम्मीद है। भारतीय कपास निगम (सीसीआई) को नियमों-शर्तों में राहत देनी चाहिए और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर 18 प्रतिशत तक नमी वाली कपास को स्वीकार करना चाहिए।
मौजूदा नियम के तहत पूर्ण एमएसपी पर सिर्फ 8 प्रतिशत नमी वाली कपास की खरीद की जाती है और समर्थन मूल्य में कटौती के साथ 12 प्रतिशत तक नमी वाली कपास की खरीद हो सकती है। 12 प्रतिशत से ज्यादा नमी वाली कपास को खरीदने से सरकारी एजेंसी इंकार कर देती हैं।
तेलंगाना में इस बार कपास का रकबा 18.61 लाख हेक्टेयर तक ही पहुंच सका जो सामान्य औसत क्षेत्रफल 20 लाख हेक्टेयर से करीब 1.40 लाख हेक्टेयर कम है।