साप्ताहिक समीक्षा-हल्दी

15-Nov-2025 08:33 PM

हल्दी कीमतों में गिरावट - फिर बढ़ेंगे भाव 

नई दिल्ली। चालू सप्ताह के दौरान हल्दी की कीमतों में मिला-जुला व्यापार रहा। सप्ताह के शुरू में हल्दी के ऊंचे भाव खुलने के पश्चात सप्ताह के अंत में भाव मंदे के साथ बोले गए। मगर सूत्रों का कहना है कि स्टॉक की कमी के चलते आगामी दिनों में कीमतों में फिर तेजी आने की संभावना है। वायदा में भी चालू सप्ताह के दौरान हल्दी की कीमतें मंदे के साथ बंद हुई। वायदा में दिसम्बर माह की हल्दी 15200 रुपए खुलने के पश्चात सप्ताह के अंत में 14298 रुपए पर बंद हुई। जबकि अप्रैल की हल्दी 13600 रुपए खुली थी और सप्ताह के अंत में 12904 रुपए पर बंद हुई। 
दिल्ली बाजार में चालू सप्ताह के शुरू में हल्दी के भाव 14900/15100 रुपए खुले थे जोकि सप्ताह के मध्य में 14900/15200 रुपए ऊपर में बिक गई थी लेकिन सप्ताह के अंत में भाव 14600/14800 रुपए पर बोले जाने लगे। उत्पाद में केन्द्रों की मंडियों पर भी सप्ताह के अंत में हल्दी के दाम 200/400 रुपए प्रति क्विंटल मंदे के साथ बोले गए। जानकार सूत्रों का कहना है कि आगामी दिनों में हल्दी की कीमतों में फिर तेजी का दौर शुरू होगा क्योंकि एक ओर जहां  उत्पादक केन्द्रों पर हल्दी का स्टॉक कम रह गया है वहीं दूसरी तरफ नई फसल की आवक जनवरी माह के अंत तक आएगी। हालांकि इस वर्ष देश में हल्दी की बिजाई गत वर्ष की तुलना में 25/30 प्रतिशत अधिक क्षेत्रफल पर की गई है लेकिन बेमौसम बारिश से फसल को नुकसान भी हुआ है। जिससे उत्पादन में बिजाई के अनुरूप वृद्धि नहीं होने के अनुमान लगाए जा रहे हैं। लेकिन पैदावार गत वर्ष की तुलना में अवश्य ही अधिक रहेगी। क्योंकि जिन क्षेत्रों में पानी जमा नहीं हुआ है वहां पर प्रति हेक्टेयर उत्पादकता में वृद्धि होगी। 
उत्पादन अनुमान 
जानकरों का कहना है कि उत्पादक केन्द्रों पर बिजाई क्षेत्रफल में वृद्धि होने के कारण दूसरे वर्ष भी हल्दी का उत्पादन बढ़ने के अनुमान लगाए जा रहे हैं। गत वर्ष देश में हल्दी का उत्पादन 70/75 लाख बोरी के होने के व्यापारिक अनुमान लगाए गए थे। जबकि वर्ष 2024 में हल्दी की पैदावार सबसे कम 50/52 लाख बोरी की रही थी। जबकि वर्ष 2020 में सर्वाधिक उत्पादन 94/95 लाख बोरी (प्रत्येक बोरी 60 किलो) का माना गया था।  
आवक 
स्टॉक कम रह जाने के कारण मंडियों में हल्दी की आवक कम रह गई है। मराठवाड़ा की प्रमुख मंडी हिंगोली में आवक 5/6 हजार बोरी की चल रही है जबकि बसमत में 4000/5000 बोरी की आवक हो रही है। निजमाबाद में 1000/1500 बोरी की आवक एवं वारंगल एवं दुग्गीराला में 400/500 बोरी की आवक चल रही है। इरोड में आवक 2000/2500 बोरी की हो रही है। 
अधिक मंदा नहीं 
कारोबारियों का मानना है कि हल्दी की कीमतों में अधिक मंदे की संभावना नहीं है। नई फसल आने तक बाजार में 5/8 रुपए प्रति किलो का मंदा-तेजी चलता रहेगा। आगामी दिनों में भाव धीरे-धीरे बढ़ते रहेंगे। उल्लेखनीय है कि सितम्बर माह में दिल्ली बाजार में हल्दी सिंगल पॉलिश गट्ठा का भाव 12600/12800 रुपए प्रति क्विंटल चल रहा था जोकि अक्टूबर में बढ़कर 140/142 रुपए हो गया। जबकि हाल ही में 14800/15000 रुपए जिसने के बाद सप्ताह के अंत में भाव 14600/14800 रुपए बोले जा रहे हैं। सूत्रों का मानना है कि नई फसल आने से पूर्व दिल्ली बाजार में हल्दी का भाव एक बार 15500/15800 रुपए बन जाना चाहिए। 
निर्यात
चालू वित्त वर्ष के प्रथम पांच माह अप्रैल-अगस्त के दौरान हल्दी का निर्यात गत वर्ष की तुलना में 3 प्रतिशत अधिक रहा लेकिन निर्यात भाव कम मिलने के कारण निर्यात आय में 4 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। मसाला बोर्ड द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार अप्रैल-अगस्त- 2025 के दौरान हल्दी का निर्यात 80157 टन का किया गया और निर्यात से प्राप्त आय 1228.39 करोड़ की रही। जबकि अप्रैल-अगस्त- 2024 में हल्दी का निर्यात 77585 टन का हुआ था और प्राप्त आय 1279.60 करोड़ की रही। वर्ष 2024-25 (अप्रैल-मार्च) के दौरान हल्दी का कुल निर्यात 176325 टन का किया गया था।