क्वालिटी की समस्या से काबुली चना के बाजार में स्थिरता

13-Nov-2025 06:02 PM

वैंकुवर। यद्यपि पिछले साल की तुलना में चालू वर्ष के दौरान कनाडा में काबुली चना के उत्पादन में भारी बढ़ोत्तरी हुई है जिससे इसकी कीमतों पर पहले से ही दबाव पड़ रहा है लेकिन इससे भी गंभीर मुद्दा उत्पाद की क्वालिटी का है। काबुली चना में हरे माल का अंश ज्यादा देखा जा रहा है

इसलिए उसकी ग्रेडिंग करने में उत्पादकों को न केवल कठिनाई हो रही है बल्कि अधिक राशि भी खर्च करनी पड़ रही है। इससे लागत खर्च में वृद्धि हो रही है जबकि बाजार भाव शांत या स्थिर बना हुआ है और उसमें सीमित उतार-चढ़ाव होने से उत्पादकों के मार्जिन में काफी गिरावट आ गई है। 

कनाडा की मंडियों में नंबर 2 ग्रेड के काबुली चना का एफओबी फार्मूला 31-32 सेंट प्रति पौंड पर बरकरार है लेकिन दाने के आकार के आधार पर इसका  निर्धारण हो रहा है।

इसकी क्वालिटी का नंबर 3 ग्रेड वाला माल तथा सैंपल वाला उत्पाद महज 15 सेंट प्रति पौंड के मूल्य स्तर पर कारोबार में है। इसमें खरीद बिक्री भी सीमित हो रही है। 

ऐसा प्रतीत होता है कि नंबर 3 की अपेक्षा उत्पादक नंबर 2 ग्रेड के माल की बिक्री को प्राथमिकता दे रहे हैं क्योंकि दोनों की कीमतों में भारी अंतर बना हुआ है।

यदि कीमतों में तेजी नहीं आई तो किसानों का उत्साह एवं आकर्षण घट जाएगा और अगले साल की बिजाई प्रभावित हो सकती है। काबुली चना की बिजाई अगले साल अप्रैल-मई में होगी जो अभी छह-सात माह दूर है।

उत्पादकों को वर्ष 2026 की आरम्भिक तिमाही (जनवरी-मार्च) में बाजार भाव तेज होने की उम्मीद है। काबुली चना की फसल में कम अंकुरण तथा कीड़ों-रोगों के प्रकोप की समस्या भी रहती है। किसानों की दुविधा बढ़ने लगी है।