सौंफ की कीमतों में तेजी : मंदे की संभावना नहीं

13-Nov-2025 07:04 PM

नई दिल्ली। वर्तमान में सौंफ के भाव तेजी के साथ बोले जा रहे हैं। हालांकि चालू सीजन के शुरुआती दौर में सौंफ का निर्यात काफी कम हुआ है लेकिन वर्तमान में निर्यातकों की लिवाली में सुधार देखा जा रहा है। इसके अलावा मंडियों में आवक भी घट गई है। साथ ही उत्पादक केन्द्रों पर बिजाई कम रहने के समाचार भी मिल रहे हैं। जिस कारण आगामी दिनों में सौंफ के भाव तेज रहने की संभावना है। हाल-फिलहाल कीमतों में मंदे के आसार नहीं हैं। आई ग्रेन इंडिया ने अपने 31 अक्टूबर के अंक में लिखा भी था कि सौंफ की कीमतों में मन्दा नहीं है। उस समय सौंफ का निर्यात भाव 78/79 रुपए  प्रति किलो चल रहा था जोकि वर्तमान में बढ़कर 85/86 रुपए हो गया है। वर्तमान स्थिति को देखते हुए संभावना व्यक्त की जा रही है। आगामी दिनों में 8/10 रुपए प्रति किलो की ओर तेजी संभव है। क्योंकि अभी नई फसल आने में लगभग 4/5 माह का समय शेष है इसके अलावा बिजाई क्षेत्रफल में भी कमी आने के अनुमान लगाए जा रहे हैं। हाल ही में गुजरात कृषि विभाग द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार 10 नवम्बर तक राज्य में सौंफ की बिजाई 913 हेक्टेयर पर की गई। जबकि गत वर्ष इसी समयावधि में बिजाई 1432 हेक्टेयर पर की गई थी। गत वर्ष गुजरात में सौंफ की कुल बिजाई 45.28 हजार हेक्टेयर पर की गई थी। गुजरात के अलावा राजस्थान में भी सौंफ की बिजाई की जाती है। राजस्थान में भी इस वर्ष सौंफ की बिजाई प्रभावित होने की आशंका है। गत वर्ष राजस्थान में सौंफ की बिजाई 38.22 हजार हेक्टेयर पर हुई थी। 

आवक 

वर्तमान में उत्पादक केन्द्रों की मंडियों पर सौंफ की आवक सीमित चल रही है। हालांकि हाल ही में भावों में 200/300 रुपए प्रति क्विंटल का सुधार होने के कारण आवक में मामूली बढ़ोत्तरी हुई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार एक सप्ताह पूर्व गुजरात की प्रमुख मंडी ऊंझा में सौंफ की आवक 2000 बोरी के आसपास चल रही थी जोकि वर्तमान में बढ़कर 2500/2800 बोरी की हो गया है। वर्तमान में ऊंझा मंडी में एवरेज क्वालिटी सौंफ का भाव 7500/8500 रुपए बोला जा रहा है। 

मन्दा-तेजी

सूत्रों का मानना है कि सौंफ की वर्तमान कीमतों में मंदे की संभावना नहीं है। क्योंकि कुल उत्पादन का अधिकांश माल मंडियों में आ चुका है। अनुमान लगाया जा रहा है कि किसानों के पास 20/25 प्रतिशत बकाया है जोकि भाव बढ़ने पर धीरे-धीरे बाजार में आएगा। क्योंकि नई फसल फरवरी-मार्च माह में आएगी।

निर्यात कम

वर्ष 2024-25 के दौरान सौंफ का रिकॉर्ड निर्यात होने के पश्चात वर्ष 2025-26 के प्रथम पांच माह में सौंफ का निर्यात बुरी तरह से घटा है और प्रथम पांच माह अप्रैल-अगस्त 2025 के दौरान सौंफ का निर्यात गत वर्ष की तुलना में 66 प्रतिशत घटा है। और आय में भी 53 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। मसाला बोर्ड द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार अप्रैल-अगस्त- 2025 के दौरान सौंफ का निर्यात 15670 टन का किया गया और निर्यात से प्राप्त आय 201 करोड़ की रही। जबकि अप्रैल-अगस्त 2024 के दौरान सौंफ का निर्यात 46245 टन का किया गया था और निर्यात से प्राप्त आय 427.54 करोड़ की रही। वर्ष 2024-25 (अप्रैल-मार्च) के दौरान सौंफ का रिकॉर्ड निर्यात 76586 टन का रहा और प्राप्त आय 765.44 करोड़ की रही।