राजस्थान में अगैती बिजाई होने से रबी फसलों का रकबा बढ़ा
13-Nov-2025 07:45 PM
जयपुर। खरीफ सीजन की भांति राजस्थान के किसानों को रबी सीजन में भी विभिन्न फसलों की अगैती बिजाई के लिए अनुकूल मौसम का सहारा मिल रहा है और किसान इसका भरपूर फायदा भी उठा रहे हैं।
इसके फलस्वरूप राज्य में रबी फसलों के बिजाई क्षेत्र में अच्छी बढ़ोत्तरी देखी जा रही है। बिजाई की प्रक्रिया आगे लम्बे समय तक जारी रहेगी।
देश के पश्चिमी भाग में अवस्थित इस महत्वपूर्ण कृषि उत्पादक प्रान्त में गत वर्ष के मुकाबले चालू रबी सीजन में सभी प्रमुख फसलों- गेहूं, जौ, चना, सरसों एवं तारामीरा की बिजाई काफी आगे चल रही है
मगर कुछ अन्य दलहनों एवं तिलहनों (अलसी) का रकबा पीछे हो गया है। इसमें आगामी दिनों में सुधार आने के आसार हैं।
राजस्थान देश में सरसों एवं जौ का सबसे प्रमुख उत्पादक प्रान्त है जबकि वहां गेहूं एवं चना का विशाल उत्पादन होता है। वह केन्द्रीय पूल में गेहूं का सर्वाधिक योगदान देने वाले पांच शीर्ष राज्यों की सूची में शामिल है।
पिछले सीजन में राजस्थान सरकार ने गेहूं उत्पादकों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से ऊपर 150 रुपए प्रति क्विंटल का अतिरिक्त बोनस देने की घोषणा की थी। इससे वहां गेहूं की पैदवार एवं सरकारी खरीद में अच्छी बढ़ोत्तरी हो गई।
10 नवम्बर 2025 तक राजस्थान में रबी फसलों का कुल उत्पादन क्षेत्र बढ़कर 60.53 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया जो पिछले साल की समान अवधि के बिजाई क्षेत्र 50.67 लाख हेक्टेयर से करीब 9.87 लाख हेक्टेयर अधिक रहा।
इसके तहत गेहूं का उत्पादन क्षेत्र 3.77 लाख हेक्टेयर से उछलकर 7.32 लाख हेक्टेयर जौ का बिजाई क्षेत्र 95 हजार हेक्टेयर से बढ़कर 1.68 लाख हेक्टेयर,
चना का क्षेत्रफल 12.24 लाख हेक्टेयर से उछलकर 15.89 लाख हेक्टेयर, सरसों का उत्पादन क्षेत्र 28.06 लाख हेक्टेयर से सुधरकर 29.41 लाख हेक्टेयर और तारामीरा का रकबा 56 हजार हेक्टेयर से बढ़कर 99 हजार हेक्टेयर पर पहुंच गया।
इस बार राजस्थान में दक्षिण-पश्चिम मानसून न केवल नियत समय से पहले पहुंच गया बल्कि देर तक सक्रिय भी रहा। अगस्त-सितम्बर के दौरान अत्यन्त मूसलाधार बारिश होने से राज्य के कई भागों में भयंकर बाढ़ आ गई।
मानसून की लेट बारिश से खेतों में नमी का पर्याप्त अंश मौजूद है। इससे किसानों को रबी फसलों की अगैती बिजाई करने में अच्छी सहायता मिल रही है।
