भारत-अमरीका की व्यापार संधि पर सबका ध्यान केन्द्रित

13-Nov-2025 08:45 PM

नई दिल्ली। पांच दौर की बातचीत के बाद भारत और अमरीका के बीच द्विपक्षीय व्यापार संधि (बीटीए) अब हस्ताक्षर होने के कगार पर पहुंच गई है। भारत ने इस पर अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है और अब अमरीकी जवाब का इंतजार हो रहा है। अमरीकी राष्ट्रपति ने भी कहा है कि यह व्यापार समझौता लगभग समापन के कगार पर पहुंच गया है और सब कुछ नियत योजना के अनुरूप हो रहा है। 

इस द्विपक्षीय व्यापार संधि के क्रियान्वयन के साथ ही अमरीका भारतीय उत्पादों के आयात पर लगाए गए 25 प्रतिशत के अतिरिक्त सीमा शुल्क को वापस लेने की घोषणा कर सकता है

जिससे दोनों देशों को फायदा होगा। अमरीकी राष्ट्रपति पहले ही इसका संकेत दे चुके हैं। उनका कहना है कि भारत ने रूस से पेट्रोलियम के आयात में भारी कटौती कर दी है। इसी शर्त पर टैरिफ में अतिरिक्त वृद्धि की गई थी जो अब पूरी हो चुकी है। 

इससे आगे यह देखना दिलचस्प होगा कि सोयाबीन, मक्का एवं डेयरी उत्पादों के लिए भारतीय बाजार को पूरी तरह खोलने के लिए अमरीका जो दबाव डाल  रहा था उसे भारत ने किस तरह हैंडल किया है।

फिलहाल इस सम्बन्ध में दोनों पक्षों की ओर से कुछ नहीं कहा गया है। दरअसल चीन ने अमरीकी सोयाबीन का आयात दोबारा शुरू करने का आश्वासन दिया है जिससे अमरीका को राहत मिली है और इसलिए वह भारत पर सोयाबीन आयात के लिए ज्यादा दबाव डालने का प्रयास नहीं करेगा। मक्का के मामले में भी कुछ ऐसे ही हालात हैं। 

भारतीय उत्पादों पर 50 प्रतिशत का टैरिफ लगने के बाद अमरीका में महंगाई बढ़ गई और आम नागरिकों को कठिनाई होने लगी। इसकी जानकारी राष्ट्रपति को भी थी इसलिए उसे दबाव की हठधर्मिता छोड़ने का विचार आया होगा जो स्वाभाविक ही है।

अगर 50 प्रतिशत के टैरिफ को घटाकर 20-25 प्रतिशत नियत किया गया तो भारत से अमरीका को कालीमिर्च सहित अन्य मसालों तथा काजू आदि के निर्यात में अच्छी बढ़ोत्तरी हो सकती है।