सीसीआई को कपास की बिक्री में मिल रही है अच्छी सफलता
09-Jul-2025 08:41 PM

अहमदाबाद। केन्द्रीय कपड़ा मंत्रालय की अधीनस्थ एजेंसी- भारतीय कपास निगम (सीसीआई) द्वारा 2024-25 के वर्तमान मार्केटिंग सीजन (अक्टूबर-सितम्बर) के दौरान तेलंगाना, महाराष्ट्र, गुजरात एवं मध्य प्रदेश सहित अन्य प्रमुख उत्पादक राज्यों में किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर लगभग 100 लाख गांठ (170 किलो की प्रत्येक गांठ) रूई की खरीद की गई
और इसमें से उसे 56 लाख गांठ से कुछ अधिक स्टॉक को बेचने में सफलता भी मिल चुकी है। उपलब्ध जानकारी के अनुसार सीसीआई द्वारा अभी तक 56.34 लाख गांठ कपास की बिक्री की गई है और अब उसके पास लगभग 43 लाख गांठ का अनबिका स्टॉक मौजूद है।
घरेलू उत्पादन में गिरावट आने के बावजूद कपास का थोक मंडी भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य से नीचे रहने के कारण सरकारी एजेंसी को किसानों से विशाल मात्रा में रूई खरीदनी पड़ी। दिलचस्पी तथ्य यह है कि कपास के आयात में जोरदार इजाफा हो रहा है।
पिछले साल की चालू वित्त वर्ष के शुरूआती दो महीनों (अप्रैल-मई - 2025) के दौरान विदेशों से रुई का आयात 131.50 प्रतिशत बढ़कर 18.918 करोड़ डॉलर पर पहुंच गया। केवल मई 2025 में ही देश के अंदर 10.23 करोड़ डॉलर मूल्य की रूई का आयात हुआ जो गत वर्ष से 133.14 प्रतिशत अधिक रहा।
भारत में कपास का उत्पादन 2023-24 सीजन के 327 लाख गांठ से घटकर 2024-25 के सीजन में 301 लाख गांठ पर अटक गया। उद्योग समीक्षकों के अनुसार रूई का भाव प्रमुख उत्पादक राज्यों की मंडियों में न्यूनतम समर्थन मूल्य से कुछ नीचे रहा क्योंकि समर्थन मूल्य का स्तर काफी ऊंचा है।
इतना ही नहीं बल्कि अब सरकार ने 2025-26 सीजन के लिए कपास का न्यूनतम समर्थन मूल्य 589 रुपए बढ़ाकर मीडियम रेशे वाली श्रेणी के लिए 7710 रुपए प्रति क्विंटल तथा लम्बे रेशे वाली किस्मों के लिए 8110 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित कर दिया है।