पहली छमाही में दलहनों के आयात खर्च में 50 प्रतिशत से अधिक गिरावट
22-Oct-2025 12:04 PM

नई दिल्ली। केन्द्रीय वाणिज्य मंत्रालय द्वारा जारी आरंभिक आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले साल की तुलना में मौजूदा वित्त वर्ष की पहली छमाही में यानी अप्रैल-सितम्बर 2025 के दौरान भारत में दलहनों के आयात पर होने वाला कुल खर्च 2.18 अरब डॉलर से 50 प्रतिशत से ज्यादा घटकर 1.03 अरब डॉलर पर सिमट गया।
इसी तरह भारतीय मुद्रा की दृष्टि से भी आयात खर्च इसी अवधि में 18,282 करोड़ रुपए से 51 प्रतिशत घटकर 8908 करोड़ रुपए पर अटक गया। उद्योग समीक्षकों के अनुसार एक तो दलहनों का वैश्विक बाजार भाव नरम रहा और दूसरे, भारत में दलहनों का आयात भी गत वर्ष से काफी कम हुआ।
उल्लेखनीय है कि वित्त वर्ष 2024-25 की सम्पूर्ण अवधि (अप्रैल-मार्च) के दौरान भारत में दलहनों का सकल आयात तेजी से उछलकर 73.40 लाख टन के सर्वकालीन सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गया था जिस पर 5.47 अरब डॉलर का रिकॉर्ड खर्च हुआ था। चालू वित्त वर्ष के दौरान दलहनों के आयात की तीव्रता में भारी कमी देखी जा रही है।
सुप्रसिद्ध एवं विश्वसनीय कॉमोडिटी व्यापार विश्लेषक फर्म- आई ग्रेन इंडिया द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार चालू वर्ष में अप्रैल-जुलाई के चार महीनों के दौरान पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले भारत में दलहनों का कुल आयात 18.02 लाख टन से लुढ़ककर 9.97 लाख टन पर अटक गया
इस अवधि में केवल अरहर (तुवर) के आयात में मामूली बढ़ोत्तरी हुई जबकि बाकी सभी दलहनों के आयात में गिरावट दर्ज की गई। इसमें पीली मटर, मसूर देसी चना तथा उड़द भी शामिल है।
आई ग्रेन इंडिया के अनुसार अप्रैल-जुलाई 2024 के मुकाबले अप्रैल-जुलाई 2025 के दौरान पीली मटर का आयात 9.32 लाख टन से लुढ़ककर 2.73 लाख टन,
देसी चना का आयात 58 हजार टन से गिरकर 27 हजार टन, उड़द का आयात 2.56 लाख टन से फिसलकर 2.30 लाख टन तथा मसूर आयात 2.81 लाख टन से घटकर 1.76 लाख टन रह गया। लेकिन तुवर का आयात 2.75 लाख टन से सुधरकर 2.91 लाख टन पर पहुंच गया।