म्यांमार से चावल का निर्यात बढ़ाने हेतु सरकार का प्रयास जारी

09-Jul-2025 04:07 PM

रंगून। आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में यानी अप्रैल-जून 2025 के दौरान म्यांमार से कुल 6.14 लाख टन चावल का निर्यात हुआ जिससे 21.40 करोड़ डॉलर की आमदनी हुई।

इसमें साबुत एवं टुकड़ा चावल- दोनों का शिपमेंट शामिल है। म्यांमार राइस फेडरेशन के आंकड़ों के अनुसार अप्रैल में 5.20 करोड़ डॉलर मूल्य से करीब 1.43 लाख टन, मई में 9.10 करोड़ डॉलर मूल्य के 5.30 लाख टन तथा जून 2025 में 7.10 करोड़ डॉलर मूल्य के 2.12 लाख टन चावल का निर्यात किया गया।

फेडरेशन ने 2025-26 के सम्पूर्ण वित्त वर्ष (अप्रैल-मार्च) के दौरान म्यांमार से चावल का निर्यात बढ़ाकर 30 लाख टन तक पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। 

वित्त वर्ष 2024-25 की पूरी अवधि के दौरान म्यांमार से 1.129 अरब डॉलर मूल्य के 24.80 लाख टन चावल का निर्यात हुआ था। उस समय चावल का वैश्विक बाजार भाव काफी ऊंचा चल रहा था जिससे निर्यात आमदनी में अच्छी बढ़ोत्तरी हो गई।

अब निर्यात ऑफर मूल्य घटकर काफी नीचे आ गया है जिससे निर्यात आय में कमी आने की संभावना है। फेडरेशन ने वित्त वर्ष 2024-25 में 25 लाख टन चावल के निर्यात का लक्ष्य नियत किया था जो काफी हद तक हासिल हो गया। 

म्यांमार का वाणिज्य मंत्रालय चावल के निर्यात संवर्धन हेतु विभिन्न संस्थाओं एवं संघों- संगठनों के साथ मिलकर काम कर रहा है ताकि चावल का मासिक आधार पर निर्यात लक्ष्य हासिल करने में सहायता मिले और निर्यात की प्रक्रिया को सुगम-सरल बनाया जा सके।

इन संघों- संगठनों में यूनियन ऑफ म्यांमार फेडरेशन ऑफ चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री, म्यांमार राइस फेडरेशन तथा अन्य संस्थाए शामिल हैं।

चावल के अलावा वाणिज्य मंत्रालय अन्य कृषि एवं खाद्य उत्पादों का निर्यात बढ़ाने के लिए सम्बद्ध संस्थाओं के साथ मिलकर काम कर रहा है।

म्यांमार से इंडोनेशिया, मलेशिया, चीन तथा यूरोप को भारी मात्रा में चावल का निर्यात किया जाता है। म्यांमार में चावल का अच्छा उत्पादन होता है और चावल वहां से निर्यात होने वाला सबसे प्रमुख कृषि उत्पाद है।