खरीफ फसलों के उत्पादन में करीब 28 लाख हेक्टेयर की वृद्धि
22-Jul-2025 01:15 PM

नई दिल्ली। देश से विभिन्न राज्यों में मानसून की हो रही अच्छी वर्षा से राष्ट्रीय स्तर पर खरीफ फसलों के बिजाई क्षेत्र में अच्छी प्रगति हो रही है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार इसका कुल उत्पादन क्षेत्र बढ़कर 708.31 लाख हेक्टेयर पर पहुंच चुका है जो पिछले साल का रकबा 680.38 लाख हेक्टेयर से 27.93 लाख हेक्टेयर ज्यादा है। इस बार खरीफ फसलों का पंचवर्षीय औसत क्षेत्रफल 1096.65 लाख हेक्टेयर आंका गया है।
पिछले साल की तुलना में चालू खरीफ सीजन के दौरान धान का उत्पादन क्षेत्र 157.21 लाख हेक्टेयर से उछलकर 176.68 लाख हेक्टेयर, दलहनों का बिजाई क्षेत्र 80.13 लाख हेक्टेयर से सुधरकर 81.98 लाख हेक्टेयर, मोटे अनाजों का रकबा 117.66 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 133.65 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया लेकिन तिलहन फसलों का क्षेत्रफल 162.80 लाख हेक्टेयर से गिरकर 156.76 लाख हेक्टेयर पर अटक गया।
नकदी या औद्योगिक फसलों में गन्ना का उत्पादन क्षेत्र तो 54.88 लाख हेक्टेयर से सुधरकर 55.16 लाख हेक्टेयर ऊंचा मगर कपास का बिजाई क्षेत्र 102.65 लाख हेक्टेयर से घटकर 98.55 लाख हेक्टेयर रह गया। जूट, मेस्ता के क्षेत्रफल में भी कुछ कमी आई है।
दलहन फसलों में तुवर एवं उड़द की बिजाई पीछे चल रही है मगर मूंग-मोठ का रकबा काफी आगे हो गया है। इसी तरह मोटे अनाजों में मक्का और बाजरा के बिजाई क्षेत्र में अच्छी तथा ज्वार के रकबे में सामान्य बढ़ोत्तरी हुई है मगर रागी एवं स्मॉल मिलेट्स की बिजाई कुछ कम क्षेत्रफल में हुई है। आगे इसमें सुधार आने की उम्मीद है।
तिलहन फसलों में मूंगफली का उत्पादन क्षेत्र गत वर्ष के 37.16 लाख हेक्टेयर से सुधरकर इस बार 38.01 लाख हेक्टेयर पर पहुंचा है जिसमें सबसे प्रमुख उत्पादक राज्य गुजरात का सर्वाधिक योगदान है लेकिन दूसरी ओर सोयाबीन का बिजाई क्षेत्र 118.96 लाख हेक्टेयर से 7.29 लाख हेक्टेयर लुढ़ककर 111.67 लाख हेक्टेयर रह गया है।
कमजोर बाजार भाव एवं विदेशों से सस्ते सोया तेल के विशाल आयात के कारण सोयाबीन की खेती में किसानों का उत्साह एवं आकर्षण घटने के संकेत मिल रहे हैं।
तिल के रकबे में कुछ बढ़ोत्तरी हुई है जबकि सूरजमुखी का क्षेत्रफल गत वर्ष के लगभग बराबर ही है। जुलाई के शेष दिनों एवं अगस्त माह में खरीफ फसलों की जोरदार बिजाई का सिलसिला जारी रहेगा।