गन्ना के क्षेत्रफल में 28 हजार हेक्टेयर की सीमित बढ़ोत्तरी

30-Jul-2025 08:41 PM

नई दिल्ली। ऐसा प्रतीत होता है कि गन्ना की बिजाई में पिछले दो तीन सप्ताहों से ठहराव आ गया है क्योंकि इसके क्षेत्रफल में कोई खास सुधार नहीं देखा जा रहा है।

केन्द्रीय कृषि मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि इस वर्ष राष्ट्रीय स्तर पर गन्ना का कुल उत्पादन क्षेत्र 25 जुलाई तक सुधरकर 55.16 लाख हेक्टेयर पर पहुंचा जो गत वर्ष की समान अवधि के क्षेत्रफल 54.88 लाख हेक्टेयर से महज 28 हजार हेक्टेयर ज्यादा है।

चीनी के ऊंचे बाजार भाव को देखते हुए कयास लगाया जा रहा था कि इस बार गन्ना के रकबे में अच्छी बढ़ोत्तरी होगी क्योंकि मिलर्स द्वारा किसानों को गन्ना मूल्य का भुगतान सही समय पर किया जा रहा है।

गन्ना के उचित एवं लाभकारी मूल्य (एफआरपी) में भी 15 रुपए प्रति क्विंटल का इजाफा किया गया है जिससे किसानों को इसका क्षेत्रफल बढ़ाने का प्रोत्साहन मिलने की उम्मीद की जा रही थी।

मौसम एवं मानसून की हालत भी काफी हद तक अनुकूल बनी हुई है। कर्नाटक में गन्ना का रकबा बढ़ा है मगर अन्य राज्यों में स्थिति अभी उत्साहवर्धक नहीं है। दो शीर्ष चीनी उत्पादक राज्यों- उत्तर प्रदेश एवं महाराष्ट्र में गन्ना के बिजाई क्षेत्र पर सबका ध्यान केन्द्रित है।

इसी तरह गुजरात तमिलनाडु, बिहार, हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना जैसे उत्पादक राज्यों में भी गन्ना के बिजाई क्षेत्र पर नजर रखी जा रही है।

इस बार मानसून की बारिश तो अच्छी हो रही है जिससे गन्ना की औसत उत्पादकता एवं चीनी की रिकवरी दर में बढ़ोत्तरी होने की संभावना है लेकिन इसके लिए अगस्त- सितम्बर में मौसम का अनुकूल रहना आवश्यक है।

अक्टूबर 2025 से गन्ना की क्रशिंग एवं चीनी के उत्पादन का नया मार्केटिंग सीजन (2025-26) औपचारिक तौर पर आरंभ हो जाएगा।