नौ भारतीय फर्मों ने क्रिया चीन से सोया तेल के आयात का अनुबंध

31-Jul-2025 07:59 PM

मुम्बई। भारत की नौ प्रमुख खाद्य तेल कंपनियों द्वारा चीन से सोयाबीन तेल के आयात का सौदा किए जाने की सूचना मिल रही है जिसमें पतंजलि फूड्स, अडानी विल्मर तथा कुछ बहुराष्ट्रीय कंपनियों- कारगिल, बुंगे, एडीएम तथा लुई ड्रेमफस आदि शामिल है।

इन फर्मों द्वारा चीन के दो निर्यातकों से सितम्बर तथा दिसम्बर 2025 के बीच की अवधि के शिपमेंट के लिए सोयाबीन तेल के आयात का अनुबंध किया गया है।

फिलहाल करीब 1.50 लाख टन सोया तेल के आयात का करार होने की खबर मिल रही है जबकि अगर ऑफर मूल्य प्रतिस्पर्धी स्तर पर बरकरार रहा तो आगे और अधिक मात्रा में आयात का सौदा किया जा सकता है। 

उल्लेखनीय है कि चीन दुनिया में सोयाबीन का सबसे प्रमुख आयातक एवं चौथा सबसे बड़ा उत्पादक देश है। वहां सोया तेल का अधिशेष स्टॉक मौजूद है जिसे अब भारत सहित अन्य पड़ोसी देशों को बेचा जा रहा है।

चीन से इस अनुबंधित सोयाबीन तेल का निर्यात एक सरकारी कम्पनी क्रोस्को तथा एक प्राइवेट फर्म द्वारा किया जाएगा। जिन अन्य भारतीय फर्मों द्वारा चीन से सोयाबीन तेल का आयात किए जाने की संभावना है उसमें इमामी एग्रोटेक, जेमिनी एडिबल्स एंड फैट्स तथा गोकुल एग्रो रिसोर्सेज भी सम्मिलित हैं।

चीन से भारत में सोयाबीन तेल का आयात एक असाधारण घटना है क्योंकि वहां से आमतौर पर इसे नहीं मंगाया जाता है। लेकिन समझा जाता है कि फिलहाल अर्जेन्टीना एवं ब्राजील की तुलना में चीन से होने वाला आयात 15-20 डॉलर प्रति टन सस्ता बैठ रहा है

जबकि इसमें समय भी केवल दो सप्ताहों का लगेगा जबकि लैटिन अमरीकी देशों से सोयाबीन तेल की खेप को भारतीय बंदरगाह तक पहुंचने में करीब 45 दिन का समय लग जाता है।

सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सी) के अनुसार मुम्बई बंदरगाह पर डिगम्ड सोयाबीन तेल के आयात का खर्च 1205 डॉलर प्रति टन बैठ रहा है जिसमें शिपमेंट खर्च एवं बीमा व्यय भी शामिल है।

इसके मुकाबले आरबीडी पामोलीन का आयात खर्च 1070 डॉलर प्रति टन तथा सूरजमुखी तेल का आयात खर्च 1230 डॉलर प्रति टन बैठता है।