चीनी का घरेलू उत्पादन 258.20 लाख टन पर सिमटा
31-Jul-2025 05:50 PM

नई दिल्ली। सहकारी चीनी मिलों के शीर्ष संगठन- नेशनल फेडरेशन ऑफ को ऑपरेटिव शुगर फैक्ट्रीज ने कहा है कि 2023-24 सीजन की तुलना में 2024-25 सीजन के दौरान जुलाई तक चीनी का घरेलू उत्पादन 18.38 प्रतिशत घटकर 258.20 लाख टन पर अटक गया।
दक्षिणी कर्नाटक एवं तमिलनाडु में गन्ना क्रशिंग का स्पेशल सत्र चल रहा है जिसे देखते हुए फेडरेशन ने 2024-25 के सम्पूर्ण मार्केटिंग सीजन में चीनी का कुल उत्पादन 261.100 लाख टन पर पहुंचने का अनुमान लगाया है लेकिन फिर भी वह 2023-24 सीजन के कुल उत्पादन 319 लाख टन से काफी पीछे रह जाएगा।
गन्ना की क्रशिंग के लिए कर्नाटक में इस बार सात चीनी मिलें सक्रिय हुई हैं जबकि पिछले साल 1 मिल ही चालू हुई थी। उधर तमिलनाडु में गत वर्ष 11 चीनी मिलों ने गन्ना की क्रशिंग की थी जबकि इस बार क्रियाशील इकाइयों की संख्या 9 तक ही पहुंच सकी।
फेडरेशन के मुताबिक पिछले सीजन की तुलना में 2024-25 सीजन के दौरान चीनी का उत्पादन 103.60 लाख टन से घटकर 92.70 लाख टन, महाराष्ट्र में 110 लाख टन से लुढ़ककर 80.90 लाख टन तथा कर्नाटक में 51.60 लाख टन से घटकर 40.60 लाख टन रह गया।
गन्ना की आपूर्ति एवं उपलब्धता में कमी, मौसम की प्रतिकूल स्थिति, एथनॉल निर्माण में गन्ना के उपयोग में वृद्धि तथा रोगों- कीड़ों से फसल को हुई क्षति के कारण चीनी के उत्पादन में भारी गिरावट आ गई।
एक उल्लेखनीय घटनाक्रम के तहत वर्ष 2025 में पेट्रोल में 20 प्रतिशत एथनॉल के मिश्रण का लक्ष्य प्राप्त कर लिया गया। महाराष्ट्र में 23 जुलाई को समूचे राज्य में मल्टी फीड डिस्टीलरीज की स्थापना को मंजूरी प्रदान कर दी गई।
इधर केन्द्र सरकार ने वर्ष 2030 तक पेट्रोल में 30 प्रतिशत एथनॉल के मिश्रण का लक्ष्य निर्धारित किया है। चीनी का एक्स फैक्ट्री मूल्य फिलहाल 3900 रुपए प्रति क्विंटल के आसपास चल रहा है। अक्टूबर 2025 से गन्ना की क्रशिंग एवं चीनी के उत्पादन का नया मार्केटिंग सीजन औपचारिक तौर पर आरंभ हो जाएगा।