यूक्रेन में सूरजमुखी का उत्पादन 137 लाख टन पर सिमटने का अनुमान
31-Jul-2025 07:23 PM

कीव। काला सागर क्षेत्र में अवस्थित देश- यूक्रेन में इस वर्ष सूरजमुखी फसल का परिदृश्य कमजोर नजर आ रहा है जिससे वहां इस सबसे प्रमुख तिलहन का उत्पादन घटकर 136-137 लाख टन पर सिमट जाने का अनुमान है।
उत्पादन में गिरावट आने से क्रशर्स-प्रोसेसर्स का मार्जिन ऋणात्मक हो सकता है और सूरजमुखी की कीमतों में तेजी आ सकती है। सूरजमुखी तेल की उपलब्धता भी सीमित रहने की संभावना है। किसान सूरजमुखी का स्टॉक दबाने का प्रयास कर सकते हैं।
क्रशिंग-प्रोसेसिंग इकाइयों द्वारा अपनी कुल संचित क्षमता के महज 63 प्रतिशत भाग ही उपयोग किया जा रहा है। नई फसल की सूरजमुखी का बाजार भाव सितम्बर-अक्टूबर में काफी ऊंचे स्तर पर पहुंचने का अनुमान है।
ओडेसा पोर्ट तक सीपीटी का वर्तमान मूल्य 1150 डॉलर प्रति टन से ऊपर तथा रिफाइंड सूरजमुखी तेल का दाम 1285 डॉलर प्रति टन बताया जा रहा है।
रूस की सरकार ने 31 अगस्त तक सूरजमुखी तेल एवं ऑयलमील पर निर्यात शुल्क को स्थगित कर दिया है। पिछले कुछ दिनों के अंदर अमरीकी डॉलर की तुलना में रूसी रूबल की विनिमय दर 4 प्रतिशत कमजोर पड़ गई है।
रूस के क्रशर्स सूरजमुखी का भाव ऊंचे स्तर पर रखने का प्रयास कर रहे हैं। मेरसिन तक इसकी पहुंच का भाव 1200 डॉलर प्रति टन चल रहा है। नई फसल से निर्मित तेल का ऑफर मूल्य भारत के लिए 1230 डॉलर प्रति टन बताया जा रहा है।
जून माह के दौरान भारत में सूरजमुखी तेल का आयात 17.75 प्रतिशत बढ़ गया जबकि त्यौहारी सीजन की मांग से आगामी समय में इसका आयात तथा घरेलू बाजार भाव और भी बढ़ने की संभावना है।
2024-25 के सम्पूर्ण मार्केटिंग सीजन (नवम्बर-अक्टूबर) के दौरान भारत में खाद्य तेलों का कुल आयात 160 लाख टन के करीब पहुंचने का अनुमान है।
जहां तक सोयाबीन तेल का सवाल है तो इसके बाजार में फिलहाल सकारात्मक रुख देखा जा रहा है लेकिन आगे इसमें कुछ नरमी आ सकती है। अमरीका तथा अर्जेन्टीना में मौसम की हालत अनुकूल हो गई है जिससे सोयाबीन की क्रशिंग की रफ्तार बढ़ जाएगी।
अर्जेन्टीना में सोयाबीन तेल पर निर्यात शुल्क घटा दिया गया है। चीन से भारत तथा अन्य पड़ोसी देशों को सोयाबीन तेल का निर्यात बढ़ने के संकेत मिल रहे हैं। वहां इसका फ्री ऑन बोर्ड निर्यात ऑफर मूल्य 1100 डॉलर प्रति टन के आसपास चल रहा है।