गन्ना आधारित सहकारी चीनी मिलों को मल्टी फीड आधारित एथनॉल प्लांटों में बदला जाएगा
13-Mar-2025 02:55 PM

नई दिल्ली। केन्द्रीय खाद्य उपभोक्ता मामले एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने कहा है कि 2023-24 के मार्केटिंग सीजन (नवम्बर-अक्टूबर) के दौरान पेट्रोल में मिश्रण के लिए तेल विपणन कंपनियों को लगभग 672 करोड़ लीटर एथनॉल की आपूर्ति की गई। इसका उत्पादन विभिन्न प्लांटों में हुआ था।
2024-25 के वर्तमान मार्केटिंग सीजन में 1 नवम्बर 2024 से 23 फरवरी 2025 के दौरान करीब 261 करोड़ लीटर एथनॉल का उत्पादन हुआ और तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) को इसकी आपूर्ति की गई।
मंत्रालय के मुताबिक 2025-26 के मार्केटिंग सीजन में पेट्रोल में 20 प्रतिशत एथनॉल के मिश्रण का लक्ष्य हासिल करने के लिए करीब 1016 करोड़ लीटर एथनॉल की आवश्यकता पड़ेगी और इसके लिए भरसक प्रयास किए जा रहे है।
चीनी मिलों एवं डिस्टीलरीज को एथनॉल निर्माण के लिए गन्ना के नियंत्रण मुक्त उपयोग की अनुमति दी गई है जबकि अनाज आधारित एथनॉल प्लांटों को 2250 रुपए प्रति क्विंटल के रियायती मूल्य पर सरकारी चावल उपलब्ध करवाया जा रहा है।
इन प्लांटों में मक्का का इस्तेमाल भी बड़े पैमाने पर हो रहा है। 20 प्रतिशत एथनॉल मिश्रित पेट्रोल (ईंधन) से वाहनों का परिचालन पहले ही आरंभ हो चुका है।
सरकार ने अप्रैल 2025 से सभी वाहनों में इस ईंधन का उपयोग शुरू करने का लक्ष्य रखा है। अब तक के अनुमान से पता चलता है कि गैसोलीन की तुलना में एथनॉल मिश्रित पेट्रोल की दक्षता थोड़ी कम होती है।
देश में एथनॉल उत्पादन प्लांटों की स्थापना को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार द्वारा वर्ष 2018 से 2022 के बीच विभिन्न एथनॉल इंटरेस्ट सबवेंशन स्कीमों को अधिसूचित किया गया।
इसी तरह सहकारी चीनी मिलों के लिए 6 मार्च 2025 को एक नई स्कीम अधिसूचना की गई जिसके तहत उसके गन्ना पर आधारित मौजूदा प्लांटों को मल्टी फीड आधारित एथनॉल प्लांटों में रूपांतरित करने पर जोर दिया जाएगा।