अमरीका की मक्का साजिश से सावधान रहने की जरूरत
14-Oct-2025 09:07 PM

मुम्बई। भारत और अमरिका के बीच जो द्वन्द चल रहा है उसमें गोला-बारुद या मिसाइल का इस्तेमाल नहीं हो रहा है बल्कि टैरिफ के माध्यम से अमरीका भारत से अपनी शर्तें मनवाने की जीतोड़ प्रयास कर रहा है।
इसके मुख्य केन्द्र में मक्का है जिसका इस्तेमाल अब अनेक उद्देश्यों में होने लगा है इसमें पशु आहार, पॉल्ट्री फीड, स्टार्च एवं एथनॉल निर्माण भी शामिल है। मानवीय खाद्य उद्देश्य में भी मक्का का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल हो रहा है
भारत में जीएम मक्का के उत्पादन, उपयोग, आयात एवं कारोबार पर प्रतिबंध लगा हुआ है जबकि अमरीका में उत्पादित 96 प्रतिशत मक्का जीएम श्रेणी का होता है।
अमरीका दुनिया में मक्का का सबसे प्रमुख उत्पादक एवं निर्यातक देश है। चीन सहित कई अन्य देशों ने अमरीका से मक्का की खरीद में भारी-कटौती कर दी है जिससे उसकी चिंता एवं परेशानी काफी बढ़ गई है।
इसे देखते हुए वह भारत में इसका निर्यात बढ़ाना चाहता है और इसलिए भारत पर तरह-तरह से दबाव डाल रहा है लेकिन भारत उसके आगे झुकने के लिए तैयार नहीं है।
यह समझना मुश्किल नहीं है कि अमरीका अपने मकसद को पूरा करने के लिए कोई भी हथकंडा अपनाने से बाज नहीं आएगा। हैरत की बात है कि भारत में भी एक वर्ग ऐसा है जो अमरीका से मक्का के आयात का समर्थन कर रहा है।
वर्ष 2024 में अमरीका में करीब 15 अरब बुशेल मक्का का उत्पादन हुआ जो 38.30 करोड़ टन के आसपास बैठता है। इसमें से उसे करीब 6.20 करोड़ टन का निर्यात करने में सफलता हासिल हुई जिसका मूल्य 137 अरब डॉलर रहा।
अमरीका के मिडवेस्ट क्षेत्र में मक्का का उत्पादन बड़े पैमाने पर होता है। इधर भारत में 350-360 लाख टन मक्का का वार्षिक उत्पादन होता है और लगभग इतना ही घरेलू उपयोग भी होता है इसलिए विदेशों से इसके आयात की बहुत कम आवश्यकता पड़ती है। मक्का की खेती में भारतीय किसानों का उत्साह एवं आकर्षण बढ़ता जा रहा है जो एक अच्छा संकेत है।