अगले चार वर्षों में दलहनों का उत्पादन 350 लाख टन तक पहुंचाने का लक्ष्य
01-Oct-2025 08:41 PM

नई दिल्ली। आर्थिक मामलों की केन्द्रीय कैबिनेट समिति (सीसीईए) ने वर्ष 2025-26 से 2030-31 के चार साल में दलहनों के घरेलू उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल करने के उद्देश्य से दलहन मिशन को अनुमोदित कर दिया है।
इस मिशन के तहत वर्ष 2030-31 तक दलहनों का घरेलू उत्पादन बढ़ाकर 350 लाख टन पर पहुंचने का लक्ष्य नियत किया गया है और 11,440 करोड़ रुपए के निवेश के साथ इस लक्ष्य को प्राप्त करने का प्रयास किया जाएगा।
इस दलहन मिशन के क्रियान्वयन से देश के लगभग 2 करोड़ किसानों को फायदा होगा। इसके तहत उसे उन्नत एवं ऊंची उपज दर वाले दलहनों के बीज उपलब्ध करवाएं जाएंगे, फसल कटाई के बाद होने वाले नुकसान को न्यूनतम स्तर तक लाने हेतु बुनियादी ढांचागत सुविधाओं का विकास विस्तार किया जाएगा
और निश्चित मूल्य (एमएसपी) पर किसानों से दलहनों की खरीद की जाएगी जिसमे तुवर, उड़द तथा मसूर शामिल हैं। दलहन फसलों की नवीनतम प्रजातियों तक किसानों की पहुंच सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उसके बीच 88 लाख बीच किस्म का मुफ्त वितरण किया जाएगा।
इसके अलावा फसल कटाई के बाद होने वाली क्षति को घटाने हेतु 1000 प्रोसेसिंग इकाइयां स्थापित करने की योजना बनाई गई है। सरकार का कहना है कि अगले चार साल तक किसानों से न्यूतनम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर तुवर, उड़द एवं मसूर की 100 प्रतिशत विपणन योगय मात्रा की खरीद सुनिश्चित की जाएगी ताकि किसानों को प्रोत्साहन मिल सके।
उल्लेखनीय है कि भारत दुनिया में दलहनों का सबसे प्रमुख उत्पादक एवं उपभोक्ता देश है। लेकिन घरेलू उत्पादन मांग एवं खपत से कम होने के कारण वहां विदेशों से विशाल मात्रा में इसके आयत की आवश्यकता पड़ती है।
दलहनों के आयात पर देश की निर्भरता बढ़कर 15.20 प्रतिशत तक पहुंच गई है। इसे घटाने के लिए सरकार ने दलहनों के उत्पादन का महत्वकांक्षी लक्ष्य निर्धारित करते हुए उसे हासिल करने का जोरदार उपाय आरम्भ कर दिया है।
बढ़ती घरेलू मांग को पूरा करने, उत्पादन को उच्चतम स्तर तक पहुंचने तक किसानों की आमदनी बढ़ाने हेतु वित्त वर्ष 2025-26 के केन्द्रीय आम बजट में एक 6 वर्षीय 'मिशन फॉर आत्मनिर्भता इन पल्सेस' की घोषण की गई थी जिसे अब कैबिनेट की स्वीकृति मिल गई है।