अब राज्यों को भी 2250 रुपए प्रति क्विंटल की दर से चावल खरीदने की स्वीकृति
12-Feb-2025 05:33 PM

नई दिल्ली । केन्द्रीय पूल में मौजूद चावल के अत्यन्त विशाल स्टॉक को घटाने के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है।
इसी क्रम में अब उसने राज्य सरकारों एवं निगमों को खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत आयोजित होने वाली साप्ताहिक ई-नीलामी में भाग लिए बगैर सीधे भारतीय खाद्य निगम के डिपो से 2250 रुपए प्रति क्विंटल के रियायती मूल्य पर 12 लाख टन तक चावल का उठाव करने की स्वीकृति प्रदान कर दी है।
उधर एथनॉल डिस्टीलरीज को 2250 रुपए प्रति क्विंटल के मूल्य स्तर पर चावल खरीदने की अनुमति पहले ही दी जा चुकी है। उसके लिए 24 लाख टन चावल का कुल कोटा आवंटित किया गया है।
लेकिन साप्ताहिक ई-नीलामी के माध्यम से प्राइवेट व्यापारियों / मिलर्स द्वारा खरीदे जाने वाले चावल का न्यूनतम आरक्षित मूल्य 2800 रुपए प्रति क्विंटल, छोटे व्यापारियों एवं उद्यमियों के लिए भी 2800 रुपए प्रति क्विंटल तथा भारत ब्रांड के तहत बिक्री वाले चावल का आरक्षित मूल्य 2400 रुपए प्रति क्विंटल के पूर्व स्तर पर बरकरार रहेगा। कम्युनिटी किचन के लिए चावल का दाम 2250 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित है।
जहां तक गेहूं का सवाल है तो 1 अगस्त 2024 से 31 मार्च 2025 तक की अवधि के लिए ओएमएसएस के तहत इसका न्यूनतम आरक्षित मूल्य एफएक्यू श्रेणी के लिए 2325 रुपए प्रति क्विंटल तथा यूआरएस क्वालिटी के लिए 2300 रुपए प्रति क्विंटल नियत किया गया है।
इसी तरह भारत ब्रांड आटा की बिक्री के लिए गेहूं का दाम 2300 रुपए प्रति क्विंटल तथा कम्युनिटी किचन को बिक्री के लिए भी गेहूं का मूल्य 2300 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है।
मोटे अनाजों के संवर्ग में 1 जुलाई 2024 से 31 मार्च 2025 तक की अवधि के लिए साप्ताहिक ई-नीलामी के माध्यम से बिक्री हेतु बाजरा का रिजर्व मूल्य 2500 रुपए प्रति क्विंटल,
रागी का 3840 रुपए प्रति क्विंटल, ज्वार का 3180 रुपए प्रति क्विंटल तथा मक्का का रिजर्व मूल्य 2090 रुपए प्रति क्विंटल नियत किया गया है। चावल तथा गेहूं के मुकाबले सरकार के पास मोटे अनाजों का बहुत कम स्टॉक रहता है।