तिलहन फसलों का रकबा गत वर्ष से 5.26 लाख हेक्टेयर पीछे

26-Aug-2025 06:29 PM

नई दिल्ली। तीनो प्रमुख फसलों- सोयाबीन, मूंगफली एवं तिल की बिजाई कम होने से खरीफ कालीन तिलहन फसलों का कुल उत्पादन क्षेत्र घटकर इस बार 22 अगस्त तक 182.38 लाख हेक्टेयर पर अटक गया जो पिछले साल की समान अवधि के बिजाई क्षेत्र 187.64 लाख हेक्टेयर से 5.26 लाख हेक्टेयर तथा पंचवर्षीय औसत क्षेत्रफल 194.63 लाख हेक्टेयर से 12.25 लाख हेक्टेयर कम है। 

केन्द्रीय कृषि मंत्रालय के नवीनतम साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार पिछले साल की तुलना में मौजूदा खरीफ सीजन के दौरान राष्ट्रीय स्तर पर सोयाबीन का उत्पादन क्षेत्र 124.88 लाख हेक्टेयर से 4.77 लाख हेक्टेयर लुढ़ककर 120.11 लाख हेक्टेयर, मूंगफली का बिजाई क्षेत्र 46.56 लाख हेक्टेयर से 1.26 लाख हेक्टेयर घटकर 45.30 लाख हेक्टेयर तथा तिल का क्षेत्रफल 10.46 लाख हेक्टेयर से 63 हजार हेक्टेयर राजस्थान में सोयाबीन की बिजाई गत वर्ष से पीछे रह गई। 

यही स्थिति मूंगफली और तिल की भी रही। शुरूआती दौर में मूंगफली की अच्छी बिजाई हो रही थी मगर बाद में यह पिछड़ गई। दोनों शीर्ष उत्पादक प्रांतों- गुजरात तथा राजस्थान में भयंकर बाढ़ का प्रकोप है जबकि मौसम विभाग ने अगले तीन-चार दिन तक वहां जबरदस्त बारिश होने की संभावना व्यक्त की है। इससे वहां फसल को भारी नुकसान होने की आशंका है। तिल की फसल पर भी गंभीर खतरा बना हुआ है। 

हालांकि गत वर्ष के मुकाबले इस बार अरंडी का उत्पादन क्षेत्र 4.68 लाख हेक्टेयर बढ़कर 6.09 लाख हेक्टेयर तथा नाइजर सीड का रकबा 31 हजार हेक्टेयर से सुधरकर 36 हजार हेक्टेयर पर पहुंचा है

मगर सूरजमुखी का बिजाई क्षेत्र 69 हजार हेक्टेयर से गिरकर 63 हजार हेक्टेयर पर सिमट गया। अरंडी मुख्यतः औद्योगिक तिलहन फसल है जबकि नाइजरसीड एवं सूरजमुखी की खेती सीमित क्षेत्रफल में होती है।