कुल संचयी इनपुट टैक्स क्रेडिट का रिफंड नहीं होने से खाद्य तेल उद्योग चिंतित
26-Aug-2025 08:51 PM

मुम्बई। एक अग्रणी स्वदेशी उद्योग संगठन- सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सी) का कहना है कि खाद्य तेल उद्योग के लिए इन्वर्टेड शुल्क संरचना के अंतर्गत कुल संचयी इनपुट टैक्स क्रेडिट के 300 करोड़ रुपए से अधिक राशि के रिफंड को अवरुद्ध (बंद) किए जाने से घरेलू उद्योग बुरी तरह प्रभावित हो रहा है।
खाद्य तेल उद्योग एक ऐसे परिदृश्य के तहत संचालित हो रहा है जहां खाद्य तेलों के उत्पादन एवं विपणन में इस्तेमाल होने वाली इनपुट वस्तुओं एवं सेवाओं पर 12 अथवा 18 प्रतिशत के ऊंचे स्तर का जीएसटी लागू है।
इसमें पैकेजिंग एवं कोई अन्य मूल्य संवर्धन उत्पाद शामिल हैं। दूसरी ओर उद्योग के उत्पादित सामान यानी खाद्य तेलों पर 5 प्रतिशत का ही जीएसटी लगता है। इससे इन्वर्टेड शुल्क ढांचे का निर्माण होता है।
इसके फलस्वरूप उद्योग के इनपुट टैक्स क्रेडिट की कुल संचयी राशि 300 करोड़ रुपए ब्लॉक हो रही है। खाद्य तेल उद्योग के वित्तीय ढाचे पर इसका गंभीर प्रतिकूल असर पड़ता है।
दरअसल 18 जुलाई 2022 से ही खाद्य तेल इकाइयों की आईटीटी रिफंड नहीं दिया जा रहा है जिससे उद्योग को भारी कठिनाई हो रही है और उसकी चिंता बढ़ गई है।
पैकेजिंग मैटीरियल पर ऊंची दर का तथा तैयार उत्पादों की आपूर्ति पर नीची दर का जीएसटी लागू है। इससे उद्योग की क्रियाशील पूंजी बाधित हो रही है और उद्योग को प्रतिस्पर्धा मूल्य पर अपना उत्पाद बेचने में कठिनाई होती है।
एसोसिएशन द्वारा इस सम्बन्ध में केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री तथा खाद्य, उपभोक्ता मामले एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री को हाल ही में ज्ञापन सौंपा गया है जिसमें कुछ खास सुझाव दिए गए है।
एक ज्ञापन केन्द्रीय वित्त मंत्री को भी दिया गया है। इसमें कहा गया है कि 18 जुलाई 2022 में प्रभावी खाद्य तेल प्रोसेसर्स के लिए कुल संचयी आईटीटी के रिफंड के सेंट्रल टैक्स (रेट) एंड रेस्टोरेशन से सम्बन्धित अधिसूचना को वापस लिया जाना चाहिए। खाद्य तेल उद्योग के लिए पैकेजिंग मैटीरियल पर जीएसटी की दर को 12 एवं 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत नियत किया जाना चाहिए।