साप्ताहिक समीक्षा-गेहूं

09-Aug-2025 04:10 PM

फ्लोर मिलर्स की मांग से गेहूं का भाव मजबूत 

नई दिल्ली। प्रमुख उत्पादक राज्यों की महत्वपूर्ण मंडियों में आपूर्ति की गति धीमी पड़ने, खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत सरकारी स्टॉक के उतारे जाने की स्थिति अनिश्चित होने तथा फ्लोर मिलर्स की मांग निकलने से 2-8 अगस्त वाले सप्ताह के दौरान गेहूं के दाम में आमतौर पर 50-100 रुपए प्रति क्विंटल की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई जबकि कुछ मंडियों में 25-30 रुपए प्रति क्विंटल की नरमी भी रही। गेहूं की आपूर्ति का ऑफ सीजन आरंभ हो रहा है जबकि त्यौहारी औपचारिक तौर पर शुरू हो चुका है जिससे कीमतों में मजबूती बरकरार रहने की उम्मीद है।
दिल्ली  
समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान गेहूं का भाव दिल्ली में 5 रुपए की नरमी के साथ 2855/2860 रुपए प्रति क्विंटल, राजस्थान के बूंदी में 25 रुपए गिरकर 2590/2610 रुपए प्रति क्विंटल, तथा उत्तर प्रदेश की गोंडा में 15 रुपए फिसलकर 2610 रुपए प्रति क्विंटल पर आ गया। 
गुजरात / एमपी 
दूसरी ओर इस महत्वपूर्ण खाद्यान्न का भाव गुजरात के राजकोट तथा मध्य प्रदेश के खंडवा में 100-100 रुपए बढ़कर क्रमश: 2500/3100 रुपए प्रतिशत किवंटल तथा 2600/2850 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंच गया। अन्य मंडियों में गेहूं का दाम या तो पिछले स्तर पर बरकरार रहा या इसमें 20-30 रुपए का सुधार दर्ज किया गया। महाराष्ट्र की जालना मंडी में भाव 50 रुपए सुधरकर 2625/2800 रुपए प्रति क्विंटल हो गया। 
बिक्री 
भारतीय खाद्य निगम के पास ओएमएसएस में बेचने के लिए करीब 50-60 लाख टन गेहूं का अधिशेष स्टॉक मौजूद है लेकिन इसे खाद्य मंत्रालय की ओर से नीलामी बिक्री की प्रकिया शुरू करने की अनुमति नहीं मिल रही है। उधर घरेलू थोक मंडियों में गेहूं की आवक सीमित होने लगी है। 
आवक 
दिल्ली में इसकी दैनिक आवक 6 से 12 हजार बोरी के बीच दर्ज की गई। राजस्थान, मध्य प्रदेश तथा उत्तर प्रदेश  की मंडियों में भी गेहूं की आवक कम हो रही है। 
स्टॉक 
फ्लोर मिलर्स एवं प्रोसेसर्स के पास गेहूं का स्टॉक  घटता जा रहा है जिससे उसकी चिंता बढ़ रही है। गेहूं पर भंडारण सीमा लागू होने के बावजूद इसकी कम आपूर्ति होने से स्पष्ट संकेत मिलता है कि व्यापारियों-स्टॉकिस्टों के पास भी इसका ज्यादा स्टॉक नहीं बचा है। अब सबका ध्यान सरकारी गेहूं की बिक्री पर केन्द्रित है जबकि सरकार को लगता है कि गेहूं की अच्छी आपूर्ति हो रही है और इसकी कीमत भी नियंत्रण में हैं।