साप्ताहिक समीक्षा- लालमिर्च

09-Aug-2025 04:22 PM

लालमिर्च में मंदे की संभावना नहीं : उत्पादक केन्द्रों पर बिजाई कम 

नई दिल्ली। वर्तमान में लालमिर्च के भाव मजबूती के साथ बोले जा रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि हालांकि चीन की लिवाली बाजार में नहीं है लेकिन बांग्ला देश की बराबर लिवाली होने के कारण विगत एक माह के दौरान लालमिर्च तेजा क्वालिटी के दामों में 8/10 रुपए प्रति किलो की तेजी आने के पश्चात भाव मजबूत बने हुए हैं। सूत्रों का मानना है कि लालमिर्च की वर्तमान कीमतों में मंदे की संभावना नहीं है। क्योंकि उत्पादक केन्द्रों की मंडियों पर अच्छी क्वालिटी के मालों की कमी बनी हुई है इसके अलावा इस वर्ष उत्पादक केन्द्रों पर लालमिर्च के बिजाई क्षेत्र में कमी आने के समाचार मिल रहे हैं। 
बिजाई कम 
उत्पादकों को उनकी उपज का उचित मूल्य न मिलने के कारण दूसरे वर्ष भी देश में लालमिर्च की बिजाई घटने के समाचार है। उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश में बिजाई का कार्य पूर्ण हो चुका है। इस वर्ष मध्य प्रदेश में लालमिर्च की बिजाई 30/40 प्रतिशत कम रही है। मध्य प्रदेश में नए लालमिर्च की आवक अक्टूबर माह में शुरू हो जाएगी। प्रमुख उत्पादक राज्य आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना में लालमिर्च बिजाई का कार्य जोरों पर शुरू हो गया है लेकिन पानी की कमी एवं भाव कम होने के कारण संभावना व्यक्त की जा रही है कि आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना में लालमिर्च की बिजाई 30/35 प्रतिशत कम रहेगी। आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना में नई फसल की आवक जनवरी-फरवरी माह में शुरू होगी। 
घटेगा उत्पादन 
जानकार सूत्रों का कहना है कि बिजाई क्षेत्रफल में गिरावट आने के कारण आने वाली लालमिर्च की पैदावार दूसरे वर्ष भी कम रहेगी। उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश में 2024 के दौरान लालमिर्च की पैदावार 40/42 लाख बोरी की रही थी जोकि 2025 में घटकर 35/36 लाख बोरी की रह गई है आने वाली फसल ओर कम आने के अनुमान है।
प्रमुख उत्पादक राज्य आंध्र प्रदेश में 2024 के दौरान लालमिर्च की पैदावार 2 करोड़ बोरी (प्रत्येक बोरी 45 किलो) की रही थी जोकि वर्ष 2025 में घटकर 1.50 करोड़ बोरी के आसपास रह गई। तेलंगाना में भी 2025 के दौरान लालमिर्च का उत्पादन 60/65 लाख बोरी माना गया है जबकि वर्ष 2024 में उत्पादन 75/80 लाख बोरी का रहा था। 
स्टॉक
उत्पादक केन्द्रों की मंडियों पर हालांकि लालमिर्च का स्टॉक पर्याप्त है लेकिन अच्छी क्वालिटी के मालों का स्टॉक कम है प्राप्त जानकारी के अनुसार आंध्र प्रदेश की मंडियों में लालमिर्च का स्टॉक 75/80 लाख बोरी होने के अनुमान लगाए जा रहे हैं। जबकि तेलंगाना की मंडियों में स्टॉक 40/45 लाख बोरी माना जा रहा है।
मन्दा-तेजी 
जानकार सूत्रों का मानना है कि लालमिर्च की वर्तमान कीमतों में मंदे की संभावना नहीं है। लेकिन अभी अधिक तेजी की संभावना नहीं है। चालू माह के दौरान लालमिर्च के भाव 3/5 रुपए प्रति किलो मंदा-तेजी के बीच बने रहेंगे। अगर निर्यात मांग में वृद्धि होती है तो कीमतों में 8/10 रुपए प्रति किलो की तेजी संभव है लेकिन वर्तमान भावों में अभी मंदे की संभावना नहीं है क्योंकि मंडियों में आवक भी घटने लगी है इसके अलावा भाव भी गत वर्ष की तुलना में कम चल रहे हैं। गत वर्ष मंडियों में लालमिर्च तेजा का भाव 190/200 रुपए प्रति किलो बोला जा रहा था जबकि वर्तमान में भाव 138/140 रुपए चल रहा है। 
निर्यात 
मसाला बोर्ड द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2024-25 के दौरान लालमिर्च का निर्यात 715506 टन का हुआ और निर्यात से प्राप्त आय 11404.90 करोड़ रुपए की रही। जबकि वर्ष 2023-24 में निर्यात 601084 टन का रहा था और निर्यात से प्राप्त आय 12492.48 करोड़ रुपए की रही। एक अनुमान के अनुसार वर्ष 2024-25 में लालमिर्च का रिकॉर्ड निर्यात किया। इससे पूर्व वर्ष 2020-21 में लालमिर्च का 649815 टन का रिकॉर्ड निर्यात किया गया था। चालू सीजन 2025-26 के प्रथम दो माह में भी लालमिर्च का निर्यात अच्छा रहा। अप्रैल-मई - 2025 में लालमिर्च का निर्यात 185011 टन का रहा और निर्यात से प्राप्त आय 2591.64 करोड़ की रही। गत वर्ष अप्रैल- मई - 2024 में लालमिर्च का निर्यात 78762.52 टन का रहा था और निर्यात से प्राप्त आय 1541.27 करोड़ की रही थी। शुरूआती दो माह लालमिर्च का निर्यात मात्रात्मक रूप से 135 प्रतिशत बढ़ा है जबकि आय में 68 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।