महाराष्ट्र में खरीफ फसलों के बिजाई क्षेत्र में मिश्रित रुख

07-Aug-2025 02:02 PM

मुम्बई। देश के एक महत्वपूर्ण कृषि उत्पादक राज्य- महाराष्ट्र में इस बार खरीफ फसलों के उत्पादन क्षेत्र में मिश्रित रुख देखा जा रहा है। इसके तहत पिछले साल के मुकाबले वहां धान तथा मक्का के क्षेत्रफल में गिरावट आई है जबकि अन्य फसलों का रकबा आगे चल रहा है जिसमें तुवर, सोयाबीन और कपास भी शामिल है। 

महाराष्ट्र कृषि विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार राज्य में खरीफ फसलों का कुल उत्पादन क्षेत्र बढ़कर 139.46 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया है जो गत वर्ष के बिजाइ क्षेत्र 137.60 लाख हेक्टेयर से 1.86 लाख हेक्टेयर ज्यादा है।

पिछले साल की तुलना में चालू खरीफ सीजन के दौरान महाराष्ट्र में धान सहित अनाजी फसलों का कुल उत्पादन क्षेत्र 30.95 लाख हेक्टेयर से घटकर 28.46 लाख हेक्टेयर रह गया।

इसके तहत धान का क्षेत्रफल 12.11 लाख हेक्टेयर से गिरकर 11.62 लाख हेक्टेयर तथा मक्का का बिजाई क्षेत्र 14.13 लाख हेक्टेयर से लुढ़ककर 10.98 लाख हेक्टेयर रह गया।

महाराष्ट्र ऐसे गिने चुने राज्यों में शामिल है जहां इस बार मक्का के रकबे में गिरावट आई है और धान का क्षेत्रफल भी घटा है। दूसरी ओर वहां ज्वार का बिजाई क्षेत्र 85 हजार हेक्टेयर से सुधरकर 1.05 लाख हेक्टेयर तथा बाजरा का रकबा 3.16 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 3.94 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया है। 

महाराष्ट्र में खरीफ कालीन दलहन फसलों का कुल उत्पादन क्षेत्र पिछले साल के 18.26 लाख हेक्टेयर  से बढ़कर इस बार 18.94 लाख हेक्टेयर हो गया।

इसके अंतर्गत अरहर (तुवर) का बिजाई क्षेत्र 11.91 लाख हेक्टेयर से सुधरकर 12.04 लाख हेक्टेयर, मूंग का क्षेत्रफल 2.08 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 2.29 लाख हेक्टेयर तथा उड़द का रकबा 3.68 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 3.94 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया। अन्य दलहनों का बिजाई क्षेत्र भी 60 हजार हेक्टेयर से सुधरकर 67 हजार हेक्टेयर पर पहुंचा। 

तिलहन फसलों के संवर्ग में सोयाबीन का उत्पादन क्षेत्र 48.83 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 49.74 लाख हेक्टेयर, मूंगफली का बिजाई क्षेत्र 1.28 लाख हेक्टेयर से सुधरकर 1.41 लाख हेक्टेयर तथा सूरजमुखी का क्षेत्रफल 4 हजार हेक्टेयर बढ़कर 9 हजार हेक्टेयर हो गया। तिल की बिजाई भी कुछ बढ़ी है। 

इसके अलावा वहां कपास का उत्पादन क्षेत्र भी गत वर्ष के 38.17 लाख हेक्टेयर से उछलकर 40.70 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया है। उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र देश में तुवर, सोयाबीन एवं कपास के उत्पादन में दूसरे नम्बर पर रहता है और मक्का का भी एक प्रमुख उत्पादक राज्य है।