जुलाई के अंत तक ओएमसी को 722 करोड़ लीटर से अधिक एथनॉल की आपूर्ति

07-Aug-2025 04:04 PM

नई दिल्ली। 2024-25 के वर्तमान मार्केटिंग वर्ष (नवम्बर-अक्टूबर) के आरंभिक नौ महीनों में यानी नवम्बर-2024 से जुलाई 2025 के दौरान तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) को कुल मिलाकर 722.74 करोड़ लीटर एथनॉल की आपूर्ति की गई। इसमें अनाज से निर्मित एथनॉल की भागीदारी 448.93 करोड़ लीटर तथा गन्ना से निर्मित एथनॉल की हिस्सेदारी 273.81 करोड़ लीटर की रही। 

अनाज आधारित एथनॉल में मक्का का योगदान 309.68 करोड़ लीटर, क्षतिग्रस्त अनाज का अंशदान 55.51 करोड़ लीटर तथा अधिशेष अनाज से निर्मित एथनॉल का योगदान 83.74 करोड़ लीटर रहा।

इसी तरह गन्ना आधारित एथनॉल की आपूर्ति में गन्ना जूस से निर्मित माल की भागीदारी 157.92 करोड़ लीटर, बी-हैवी शीरा की हिस्सेदारी 103.43 करोड़ लीटर तथा सी-हैवी शीरा से निर्मित एथनॉल की भागीदारी 12.46 करोड़ लीटर दर्ज की गई। 

उपरोक्त आंकड़ों से स्पष्ट पता चलता है कि एथनॉल की कुल आपूर्ति में अनाज से निर्मित उत्पाद की भागीदारी गन्ना से निर्मित माल की तुलना में काफी अधिक रही।

समीक्षाधीन अवधि के दौरान ओएमसी को एथनॉल की कुल आपूर्ति में अनाज से निर्मित उत्पाद की भागीदारी बढ़कर 62 प्रतिशत के करीब पहुंच गई जबकि गन्ना से निर्मित एथनॉल की हिस्सेदारी घटकर लगभग 38 प्रतिशत रह गई।

अनाजों के संवर्ग मक्का से निर्मित एथनॉल का योगदान तेजी से बढ़ गया। इसकी भागीदारी 309.68 करोड़ लीटर पर पहुंची जो अन्य सभी वर्गों से काफी अधिक रही। 

2024-25 के मार्केटिंग सीजन में गन्ना की पैदावार कम हुई इसलिए एथनॉल निर्माण में इसकी सीमित मात्रा का उपयोग किया जा सका। दूसरी ओर मक्का का शानदार उत्पादन होने से देश की डिस्टीलरीज को एथनॉल निर्माण में इसका उपयोग बढ़ाने का अच्छा अवसर मिल गया। विदेशों से भी मक्का का आयात हुआ।

इसके अलावा डिस्टीलरीज को भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के गोदामों से 2250 रुपए प्रति क्विंटल की रियायती मूल्य पर चावल का भारी स्टॉक उपलब्ध करवाया जा रहा है।     .