कश्मीर घाटी में बादाम के शानदार उत्पादन से किसान खुश
07-Aug-2025 05:19 PM

पुलवामा। कश्मीर घाटी में इस वर्ष मौसम की अनुकूल स्थिति के कारण बादाम का शानदार उत्पादन होने से किसान काफी खुश हैं मगर वहां इसके बागानी क्षेत्र में आ रही गिरावट चिंता का विषय बना हुआ है।
उत्पादकों का कहना है कि एक तो उत्पादक क्षेत्र में आवासीय एवं व्यावसायिक परिसरों का तेजी से निर्माण हो रहा है और दूसरे, किसान अब अन्य नकदी फसलों की खेती की तरफ आकर्षित हो रहे हैं जिसमें सेब भी शामिल है। इसके फलस्वरूप आगामी वर्षों में कश्मीर में बादाम की खेती की दीर्घकालीन लाभप्रदता के लिए गंभीर खतरा पैदा हो सकता है।
उत्पादकों के अनुसार यद्यपि वर्तमान सीजन के दौरान बादाम का उत्पादन बेहतर हुआ है लेकिन सरकार की ओर से यदि नीतिगत हस्तक्षेप नहीं किया गया और जमीन के उपयोग के लिए कठोर नियम नहीं बनाया गया तो आने वाले समय में स्थिति खराब हो सकती है।
कश्मीर घाटी के पुलवामा जिले में बादाम का उत्पादन बड़े पैमाने पर होता है। इस बार वहां शानदार उत्पादन हुआ है जिसे अब तक के सर्वोत्तम उत्पादन में से एक माना जा रहा है।
लेकिन जमीन का उपयोग अन्य उद्देश्यों में किए जाने से बादाम के पेड़ों का सफाया किया जा रहा है जिससे भविष्य में उत्पादन पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है।
पिछले कई वर्षों से वहां बादाम के बागानी क्षेत्र में गिरावट का माहौल बना हुआ है। वर्ष 2006-07 में बादाम के बागानों का क्षेत्रफल 16,374 हेक्टेयर था जो 2019-20 तक आते-आते घटकर मात्र 4177 हेक्टेयर रह गया। इसके फलस्वरूप इस अवधि में बादाम का उत्पादन भी 15,183 टन से गिरकर 9898 टन पर सिमट गया।
उल्लेखनीय है कि भारत में लगभग 90 प्रतिशत बादाम का उत्पादन जम्मू कश्मीर में होता है। कुछ क्षेत्रों में बादाम उत्पादकों ने अब सेब की खेती को प्राथमिकता देना शुरू कर दिया है।
सिमटते क्षेत्रफल के कारण किसान बादाम के दो पेड़ों के बीच केवल डेढ़ से 3 मीटर की दूरी रख रहे हैं जबकि आदर्श दूरी 6 से 7 मीटर मानी जाती है।
जम्मू कश्मीर का बागवानी विभाग बादाम के दो नए बागानों का विकास कर रहा है बडगाम जिले में भी बादाम के अनेक बागान लगे हुए हैं मगर उत्पादकों को अपना माल बेचने में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।