फाजिल्का में 20 हजार एकड़ भूमि में खरीफ फसलें जलमग्न
06-Aug-2025 01:34 PM

फाजिल्का। पिछले चार दिनों के अंदर अत्यन्त मूसलाधार बारिश होने से पंजाब के फाजिल्का जिले में करीब 20 हजार एकड़ जमीन में खरीफ सीजन की खड़ी फसलें जल मग्न हो गई हैं।
जिला प्रशासन की ओर से कोई मदद नहीं मिलने के कारण किसानों को स्वयं अपने स्तर से फसलों को बचाने के लिए विभिन्न उपाए करने हेतु विवश होना पड़ रहा है।
नालियों के बंद होने से समस्या और भी गंभीर हो गई है। प्रशासन को मानसून के आने से पूर्व इसकी अच्छी तरह सफाई करवानी थी मगर उसने इसका कोई प्रयास नहीं किया।
इस जिले में फाजिल्का सब डिवीजन खेतों में जल-जमाव की समस्या से सर्वाधिक प्रभावित हुआ है। वहां 11,700 एकड़ भूमि में धान और कपास की फसल घुटनों तक पानी में डूबी हुई है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार फाजिल्का जिले के कम से कम 20 गांवों में बाढ़ जैसा परिदृश्य बना हुआ है और खेतों में फसलें पानी के अंदर डूबी हुई हैं। वैसे जिला उपयुक्त ने दावा किया है कि अगले एक-दो दिन में वहां स्थिति सामान्य हो जाएगी।
प्रशासन ने मोटर पम्प के साथ स्टॉफ को सक्रिय कर दिया है जो खेतों से अधिशेष पानी को बाहर निकालने का प्रयास कर रहे हैं। ड्रैनेज विभाग के एसडीओ का कहना है कि पानी का स्तर घटना शुरू हो गया है।
दरअसल फाजिल्का सब डिवीजन के निचले इलाकों में ऊपरी क्षेत्र से पानी का प्रवाह होने के कारण खेतों में जल भराव हो गया। इस बीच वहां अत्यन्त जोरदार बारिश भी हुई।
सौबाना गांव में 500 एकड़ से अधिक क्षेत्र में खेत जलमग्न हो गए हैं। यह गांव भारत-पाकिस्तान सीमा के पास स्थित है। यदि नालियों की सफाई सही समय पर की गई होती और खेतों से पानी की निकासी का उपयुक्त प्रबंध होता तो किसानों और आम लोगों को कठिनाई नहीं होती। फाजिल्का जिला में कपास और धान की खेती बड़े पैमाने पर होती है।
धान की फसल तो जल-जमाव को कुछ दिनों तक झेल सकती है मगर कपास की फसल बहुत संवेदन शील होती है इसलिए उसके खेतों से पानी जल्दी निकलना आवश्यक है।