अच्छी बारिश से वायनाड में धान की रोपाई की गति तेज
06-Aug-2025 03:28 PM

पुलपल्ली। हालांकि केरल के लोगों का मुख्य खासकर आहार चावल ही है मगर वह इसके शीर्ष उत्पादक राज्यों की सूची में शामिल नहीं है।
केन्द्रीय पूल के लिए केरल में सरकारी एजेंसी द्वारा 1-2 लाख टन धान की खरीद वहां किसानों से की जाती है। इस बार मानसून की अच्छी बारिश होने से केरल के वायनाड जिले में धान की रोपाई की रफ्तार बढ़ गई है।
किसानों को धान की खेती कर्कीदकम के अंत से पहले समाप्त हो जाने की उम्मीद है। इस संभाग में खासकर चेकादी में धान की खेती बड़े पैमाने पर होती है और वहां मशीन की सहायता से धान की बिजाई की जा रही है। चेकादी तथा आसपास के इलाकों में करीब 300 एकड़ भूमि में धान की खेती की जाती है।
इस क्षेत्र में अक्सर जंगली जानवरों से फसलों को खतरा बना रहता है लेकिन फिर भी किसान धान की खेती हमेशा करते रहे हैं। इसका एक खास कारण यह है कि वहां सिंचाई की सुविधा उपलब्ध है जिससे फसल को नुकसान होने की आशंका कम रहती है।
लेकिन जंगली पशुओं के आघात की वजह से पुलपल्ली, मुल्लनकोली तथा पुठादि के गांवों में धान का रकबा पिछले कुछ वर्षों से घटता रहा है।
वैसे भी धान की खेती से वहां किसानों को ज्यादा लाभ नहीं मिलता है जबकि अक्सर फसल क्षतिग्रस्त भी हो जाती है। आमतौर पर केरल को 'मसाला प्रदेश' के रूप में जाना जाता है।
वहां धान की परम्परागत किस्मों की उपज दर नीचे रहती है। अब सरकार किसानों को अच्छी क्वालिटी का बीज उपलब्ध करवा रही है। इससे धान की खेती करना किसानों के लिए लाभदायक साबित हो सकता है।