अगले मार्केटिंग सीजन में चावल के भंडारण का संकट बढ़ने की संभावना

26-Aug-2025 04:22 PM

नई दिल्ली। वर्ष 2025-26 के लिए धान की सरकारी खरीद का नया मार्केटिंग सीजन अक्टूबर से आरंभ होने वाला है जबकि भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) तथा उसकी सहयोगी एजेंसियों के गोदाम एवं वेयर हाउस पहले ही चावल के स्टॉक से भरे हुए हैं।

उत्तरी क्षेत्र के राज्यों- पंजाब, हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश आदि में किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर धान की सरकारी खरीद करके उसे कस्टम मिलिंग के लिए राइस मिलर्स को आवंटित किया जाएगा और मिलर्स इसके बदले में खाद्य निगम को चावल की जो आपूर्ति करेंगे उससे सुरक्षित भंडारण के लिए गोदामों में पर्याप्त खाली स्थान मौजूद नहीं होगा।

उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार अप्रैल-अगस्त 2025 के दौरान भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) द्वारा एथनॉल निर्माण के लिए 19.70 लाख टन, राज्यों की समाज कल्याण स्कीम के तहत 14.10 लाख टन, ओएमएसएस के अंतर्गत 7.20 लाख टन तथा भारत चावल के लिए 60 हजार टन चावल की आपूर्ति की गई।

खुले बाजार बिक्री योजना में चावल की अच्छी मांग देखी जा रही है जिससे इसकी कुल बिक्री गत वर्ष से अधिक होने की उम्मीद है। वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान प्रांतीय स्तर की समाज कल्याण स्कीम के लिए 46.30 लाख टन, खुले बाजार बिक्री योजना के लिए 19.60 लाख टन तथा एथनॉल निर्माण  के लिए 23 लाख टन चावल का कोटा आवंटित किया गया था।

इसके मुकाबले वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान बल्क खरीदारों को विभिन्न स्कीमों के माध्यम से केवल 15.40 लाख टन चावल की आपूर्ति की गई थी। इसके बावजूद चावल का सरकारी स्टॉक बढ़ रहा है। 

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत देश के 81 करोड़ लोगों को प्रति माह 5 किलो की दर से मुफ्त में खाद्यान्न का वितरण किया जाता है। मुफ्त राशन वितरण योजना की अवधि को वर्ष 2028 के अंत तक बढ़ा दिया गया है।

सरकारी चावल की आर्थिक लागत बढ़कर चालू वित्त वर्ष में 41.73 रुपए प्रति किलो पर पहुंच जाने का अनुमान है जिसमें एमएसपी, भंडारण परिवहन एवं अन्य खर्च भी शामिल हैं। धान की रोपाई अब अंतिम चरण में पहुंच गई है।