म्यांमार से दलहनों का नियमित निर्यात जारी

01-Aug-2025 02:55 PM

मंडले। भारत के पूर्वोत्तर पड़ोसी देश- म्यांमार से विभिन्न दलहनों और खासकर उड़द तथा तुवर का निर्यात नियमित रूप से जारी है। जुलाई 2025 में वहां से 50,776 टन उड़द एवं 37,207 टन तुवर का निर्यात किया गया और इसे मिलाकर चालू कैलेंडर वर्ष के शुरूआती सात महीनों में वहां से उड़द का कुल निर्यात बढ़कर 4,88,336 टन तथा तुवर का निर्यात सुधरकर 2,20,804 टन पर पहुंच गया। 

उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार जनवरी 2025 में म्यांमार से 80,266 टन उड़द का निर्यात हुआ था जो फरवरी में सुधरकर 80,784 टन एवं मार्च में उछलकर 1,00,755 टन पर पहुंचने के बाद अप्रैल में घटकर 61,425 टन पर आ गया।

मई में निर्यात कुछ सुधरकर 64,211 टन पर पहुंचा मगर जून में यह गिरकर 50,119 टन रह गया। जुलाई में इसकी मात्रा 50,776 टन रही। 

जहां तक तुवर का सवाल है तो इसका निर्यात म्यांमार से जनवरी 2025 में 5606 टन के निचले स्तर पर अटक रहा था मगर फरवरी में यह बढ़कर 29,250 टन, मार्च में उछलकर 42,147 टन तथा अप्रैल में सुधरकर 42,875 टन के शीर्ष स्तर पर पहुंचने के बाद मई में घटकर 34,205 टन तथा जून में गिरकर 29,514 टन पर अटक गया। जुलाई 2025 में तुवर का निर्यात कुछ सुधरकर 37,207 टन पर पहुंचा। 

उल्लेखनीय है कि म्यांमार से उड़द की लगभग सम्पूर्ण मात्रा का निर्यात भारत को किया जाता है जबकि तुवर की अधिकांश मात्रा भी भारतीय आयातक ही खरीदते हैं। उड़द की नई फसल दिसम्बर-जनवरी  में तैयार होने के बाद वहां से इसका विशाल निर्यात शुरू हो जाता है। 

भारत सरकार ने तुवर एवं उड़द के शुल्क एवं नियंत्रण मुक्त आयात की समय सीमा को 31 मार्च 2026 तक बढ़ा दिया है जिससे भारतीय आयातकों को म्यांमार से इसका आयात करने में कोई कठिनाई नहीं हो रही है।

भारत में उड़द का आयात म्यांमार के अलावा ब्राजील से तुवर का आयात अफ्रीकी देशों से किया जाता है। अफ्रीकी देशों में तुवर की नई फसल की कटाई-तैयारी आमतौर पर अगस्त से आरंभ हो जाती है।