किसानों के जबरदस्त उत्साह से मक्का के क्षेत्रफल में भारी वृद्धि
01-Aug-2025 03:58 PM

नई दिल्ली। खरीफ सीजन के सबसे महत्वपूर्ण मोटे अनाज- मक्का की खेती में भारतीय किसान इस बार जबरदस्त उत्साह दिखा रहे हैं जिससे राष्ट्रीय स्तर पर इसका उत्पादन क्षेत्र बढ़कर 85.58 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया है जो गत वर्ष की समान अवधि के बिजाई क्षेत्र 78.92 लाख हेक्टेयर से 6.66 लाख हेक्टेयर ज्यादा है। मक्का का यह रकबा सामान्य औसत क्षेत्रफल से भी अधिक है। कुछ क्षेत्रों में बिजाई अभी जारी है।
पिछले साल की तुलना में चालू खरीफ सीजन के दौरान मक्का का उत्पादन क्षेत्र महाराष्ट्र में 10.51 लाख हेक्टेयर से उछलकर 13.84 लाख हेक्टेयर, कर्नाटक में 14.60 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 16.28 लाख हेक्टेयर तथा राजस्थान में 9.48 लाख हेक्टेयर से सुधरकर 9.66 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया।
इसी तरह इस महत्वपूर्ण मोटे अनाज का बिजाई क्षेत्र तेलंगाना में 3.80 लाख एकड़ से बढ़कर 5.47 लाख एकड़ तथा आंध्र प्रदेश में 71 हजार हेक्टेयर से सुधरकर 77 हजार हेक्टेयर पर पहुंचा मगर गुजरात में 2.81 लाख हेक्टेयर 2.53 लाख हेक्टेयर रह गया।
इस तरह उपरोक्त राज्यों में मक्का का कुल क्षेत्रफल गत वर्ष के 41.91 लाख हेक्टेयर से 6.63 लाख हेक्टेयर बढ़कर इस बार 48.54 लाख हेक्टेयर हो गया। विभिन्न राज्यों में यह रकबा 25 से 31 जुलाई के बीच का है।
इसके अलावा देश के कई अन्य राज्यों में भी मक्का की खेती बड़े पैमाने पर होती है जिसमें बिहार, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश एवं झारखंड आदि शामिल हैं।
केन्द्र सरकार ने मक्का का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 2024-25 सीजन के 2225 रुपए प्रति क्विंटल से 175 रुपए बढ़ाकर 2025-26 सीजन के लिए 2400 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया है।
किसानों को मक्का का आकर्षक एवं लाभप्रद मूल्य प्राप्त हो रहा है इसलिए इसकी खेती में उसकी दिलचस्पी एवं सक्रियता बढ़ गई है।
एथनॉल निर्माण उद्योग में जबरदस्त मांग होने से मक्का बाजार के समीकरण में बदलाव आया है। इसके अलावा पशु आहार, पॉल्ट्री फीड एवं स्टार्च के उत्पादन में भी मक्का का परम्परागत रूप से भारी उपयोग होता है।