वनस्पति तेल इकाइयों के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य करने का प्लान

09-Jul-2025 11:38 AM

नई दिल्ली। केन्द्र सरकार ने खाद्य तेलों की बढ़ती कीमतों को देखते हुए वैजिटेबल ऑयल तथा प्रोडक्ट्स, प्रोडक्शन एंड अवेलेबिलिटी आर्डर (वोप्पा) 2011 में परिवर्तन करने का प्रस्ताव रखते हुए इसका नया प्रारूप (ड्रफ्ट) तैयार किया है।

इस नए ड्राफ्ट में वनस्पति तेलों एवं अन्य सम्बद्ध उत्पादों के सभी निर्माताओं तथा विक्रेताओं को विनियमित करने का प्रावधान रखा गया है। इसमें आधुनिक विधि के माध्यम से निर्मित सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टेड तेल भी शामिल है।

इस नए ड्राफ्ट पर उद्योग-व्यापार क्षेत्र को 11 जुलाई तक अपने विचार एवं सुझाव देने हैं ताकि आवश्यकतानुसार प्रावधानों को संशोधित किया जा सके। 

इस नए ड्राफ्ट में खाद्य तेलों के सभी प्लांटों को अनिवार्य रूप से अपना रजिस्ट्रेशन करवाने का प्रावधान है और सही समय पर पंजीकरण नहीं करवाने वाली इकाइयों पर जुर्माना लगाया जाएगा।

इससे खाद्य तेल उद्योग का एक वर्ग चिंतित हो गया है जिसे आशंका है कि इससे उद्योग पर जरूरत के ज्यादा नियम  कानून लग सकता है और 'लाइसेंस राज' की वापसी हो सकती है। 

इस संशोधित ड्राफ्ट से केन्द्रीय खाद्य मंत्रालय के अधीनस्थ निकाय-चीनी एवं वनपस्ति तेल निदेशालय को किसी या सभी वनस्पति तेल उत्पादों के निर्माण में किसी अन्य खाद्य तेल के उपयोग की अधिकतम एवं न्यूनतम सीमा का निर्धारण करने का अधिकार मिल जाएगा और प्लांटों की मनमानी समाप्त हो जाएगी।

सरकार ने इस ड्राफ्ट में यह प्रावधान भी रखा है कि वनस्पति तेलों के प्रत्येक निर्माता को मासिक (पखवाड़ा) आधार पर इस आशय की रिपोर्ट सरकार के पास भेजनी होगी कि उस अवधि में प्रोसेसिंग इकाइयों को कितनी मात्रा में खाद्य तेल प्राप्त हुआ और उसमें से कितनी मात्रा का इस्तेमाल किया गया।

इसके अलावा इकाइयों को पिछले माह के दौरान खाद्य तेलों के स्टॉक, उसकी मात्रा एवं सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टेड तेल की किस्मों के उत्पादन एवं विपणन का विस्तृत विवरण भी देना आवश्यक होगा।

देश में 15 हजार से अधिक तेल मिलें एवं 250 से ज्यादा वनस्पति इकाइयां क्रियाशील है जिन्हें इस नए ड्राफ्ट के प्रावधानों से कठिनाई हो सकती है।