उत्पादन में भारी गिरावट की आशंका से तमिलनाडु में चावल का भाव तेज

12-Feb-2024 05:57 PM

तिरुचि । देश के सुदूर दक्षिणी राज्य- तमिलनाडु के डेल्टा संभाग मानसून की वर्षा का आयात होने तथा सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध नहीं रहने से लम्बा एवं थलाडी धान की उपज दर में जोरदार गिरावट आ गई है।

इसके फलस्वरूप चावल का उत्पादन काफी घट गया है और इसके दाम में भारी वृद्धि हो रही है। डेल्टा क्षेत्र के किसानों का कहना है कि धान की उत्पादकता में कम से कम 30 प्रतिशत की कमी आई है और इसे देखते हुए राज्य सरकार को समुचित क्षतिपूर्ति की व्यवस्था करनी चाहिए ताकि उत्पादक समुदाय को राहत मिल सके। 

आमतौर पर तमिलनाडु के कावेरी डेल्टा क्षेत्र में लगभग 15 लाख एकड़ क्षेत्र में कुरुवई, साम्बा एवं थलाडी फसलों की खेती होती रही है लेकिन चालू सीजन के दौरान मेट्टूर डैम से पानी का प्रवाह काफी दिनों तक रोक दिया गया।

परम्परागत रूप से इस बांध से 12 जून को पानी छोड़ने की प्रक्रिया शुरू होती है लेकिन इस बार अक्टूबर में वहां से पानी की निकासी रोक दी गई क्योंकि बांध में जल स्तर काफी घट गया था।

इसके परिणामस्वरूप किसानों को पानी की उपलब्ध मात्रा के अनुरूप ही कुरुवई धान की खेती सीमित करनी पड़ी। लेकिन पानी की कमी के बावजूद वहां किसानों ने साम्बा धान की खेती में अच्छी दिलचस्पी दिखाई क्योंकि उसे आगामी समय में अच्छी वर्षा होने की उम्मीद थी।

लेकिन दुर्भाग्य से वहां उम्मीद के अनुरूप बारिश नहीं हो सकी जबकि दूसरी ओर तिरुवरुर, नागपट्टिनम एवं मापीलाडुदुरई जैसे जिलों में उत्तर-पूर्व मानसून सीजन के दौरान इतनी जबरदस्त बारिश हुई कि कई इलाकों में बाढ़ का माहौल बन गया।

वहां लम्बे समय तक खेतों में पानी का भारी जमाव रहने से साम्बा एवं थलाडी धान की फसल क्षतिग्रस्त हो गई। इसके अलावा फसल में कीड़ों-रोगों का प्रकोप बढ़ गया और मौसम की हालत भी पूरी तरह अनुकूल नहीं रही। 

कृषि विशेषज्ञों के अनुसार तमिलनाडु के कावेरी डेल्टा क्षेत्र में आमतौर पर साम्बा एवं थलाडी धान की उपज दर 1400 से 1600 किलो प्रति एकड़ के बीच रहती है लेकिन इस बार यह 1000-1200 किलो प्रति एकड़ के बीच देखी जा रही है।

वहां इसकी कटाई-तैयारी की गत बढ़ रही है। चावल के उत्पादन में गिरावट की संभावना से कीमत में 12 रुपए प्रति किलो तक का इजाफा हो गया है।

उदाहरणस्वरूप फाईन वैरायटी के आर इन आर डीलक्स  चावल का भाव कुछ ही दिनों के अंदर 50 रुपए प्रति किलो से बढ़कर अब 62 रुपए प्रति किलो पर पहुंच गया है। इसी तरह कर्नाटक पोन्नी तथा आंध्र पोन्नी चावल का दाम भी 54 रुपए से उछलकर 67 रुपए प्रति किलो हो गया है।