कम कोटा आने के बावजूद चीनी में जोरदार उछाल की संभावना नहीं

30-Jun-2025 08:34 PM

नई दिल्ली। केन्द्रीय खाद्य मंत्रालय ने जुलाई माह में घरेलू बिक्री के लिए 22 लाख टन चीनी का कोटा नियत किया है जो जून के कोटा 23 लाख टन से 1 लाख टन तथा जुलाई 2024 के कोटा 24 लाख टन से 2 लाख टन कम है।

आमतौर पर कोटा कम आने से चीनी के दाम में अच्छी तेजी की उम्मीद रहती है लेकिन इस बार कुछ ऐसे कारक मौजूद है जो चीनी बाजार को स्वरछंद होकर ऊपर उठने से रोक सकते हैं।

जून माह में नियत कोटे से करीब 1.50 लाख टन कम चीनी की बिक्री हुई और और इस बकाया अधिशेष स्टॉक को जुलाई के कोटे में जोड़ा जाएगा तो कुल उपलब्ध मात्रा 23.50 लाख टन पर पहुंच जाएगी। जुलाई पीक मानसून का महीना होता है जब देश के विभिन्न भागों में भारी वर्षा होती है और तापमान घट जाता है। यदि बारिश का अभाव होता है तो तापमान ऊंचा हो जाता है। 

बल्क खरीदारों की सक्रियता पर चीनी का भाव काफी हद तक निर्भर करेगा। वैसे भी चीनी का एक्स फैक्टरी मूल्य सरकार द्वारा नियत स्तर से काफी ऊंचा है और मिलर्स इसे बरकरार रखने का हर संभव प्रयास करेंगे।

जुलाई में कावड़ यात्रा और मुहर्रम है लेकिन इससे चीनी की मांग, खपत एवं कीमत पर विशेष सकारात्मक असर पड़ने में संदेह है। बेशक इसके दाम में भारी उछाल न आए मगर जोरदार गिरावट आना भी मुश्किल है। कुल मिलाकर बाजार में 50-100 रुपए प्रति क्विंटल की समान्य तेजी-मंदी के साथ-भाव एक निश्चित दायरे में घूमता रह सकता है। 

गन्ना की क्रशिंग एवं चीनी के उत्पादन का मुख्य सीजन समाप्त हो चुका है और अब दक्षिण कर्नाटक एवं तमिलनाडु में इसका विशेष सत्र आयोजित होने वाला है जो कमोबेश सितम्बर तक जारी रह सकता है। इस अवधि में वहां 3.50-4.00 लाख टन चीनी का उत्पादन होने का अनुमान लगाया जा रहा है।

चीनी का उत्पादन पहले ही 18 प्रतिशत घटकर 261 लाख टन पर सिमट चुका है। मिलर्स के पास इसका विशाल बकाया स्टॉक मौजूद नहीं है लेकिन फिर भी बाजार में संतुलन बना रह सकता है।