रूस-यूक्रेन में अनाजों एवं तेल-तिलहनों की स्थिति में बदलाव
30-Jun-2025 03:37 PM

मास्को। काला सागर क्षेत्र में अवस्थित रूस एवं यूक्रेन में खाद्यान्न तथा तिलहन-तेल बाजार की हालत में हाल के सप्ताहों में कुछ बदलाव देखा गया। जून 2025 को रूस में अनाजों एवं तिलहनों का कुल स्टॉक गत वर्ष की तुलना में करीब 20 प्रतिशत घटकर 107.50 लाख टन रह गया। इसके तहत खासकर गेहूं का स्टॉक 27 प्रतिशत की भारी गिरावट के साथ 59.70 लाख टन पर अटक गया मगर मक्का का स्टॉक 1 प्रतिशत सुधरकर 15 लाख टन हो गया।
हालांकि समीक्षाधीन अवधि के दौरान तिलहनों का कुल स्टॉक 3.1 प्रतिशत बढ़कर 16 लाख टन के करीब पहुंच गया लेकिन सूरजमुखी का स्टॉक 14.6 प्रतिशत गिरकर 6.05 लाख टन पर आ गया।
रूस में नया मार्केटिंग सीजन औपचारिक तौर पर कल यानी 1 जुलाई से आरंभ होने वाला है और विभिन्न फसलों की कटाई- तैयारी जल्दी ही जोर पकड़ने की संभावना है।
जहां तक रूस के पड़ोसी देश- यूक्रेन का सवाल हो तो वहां सूरजमुखी तेल का भाव मजबूत होने लगा है क्योंकि सूरजमुखी तेल की वैश्विक मांग बढ़ रही है। यूक्रेन में सूरजमुखी तेल का दाम 200-300 यू ए एच (यूक्रेनी मुद्रा) बढ़कर अब 26,500-26,800 यू ए एच प्रति टन पर पहुंच गया है।
इस बीच सूरजमुखी तेल का निर्यात ऑफर मूल्य भी काला सागर क्षेत्र के बंदरगाह पर सुधरकर 1100-1110 अमरीकी डॉलर प्रति टन हो गया जो रूस में प्रचलित निर्यात ऑफर मूल्य 1130-1150 डॉलर प्रति टन से कुछ कम है। भारत में इन दोनों देशों से सूरजमुखी तेल का भारी आयात होता है।
उल्लेखनीय है कि रूस और यूक्रेन दुनिया में सूरजमुखी बीज एवं इसके तेल के दो सबसे प्रमुख उत्पादक एवं निर्यातक देश हैं। काला सागर क्षेत्र में स्थित यूक्रेन के सबसे प्रमुख बंदरगाह ओडेसा पर रूस की भीषण बमबारी होने से उसकी बुनियादी ढांचागत सुविधाओं को भारी नुकसान हुआ है जिससे वहां से कृषि-उत्पादों का निर्यात शिपमेंट करने में काफी कठिनाई हो रही है।
उम्मीद की जा रही है कि रूस एवं यूक्रेन के साथ-साथ रोमानिया तथा पूर्वी यूरोप के कुछ अन्य देशों में नई फसल की कटाई- तैयारी आरंभ होने के बाद सूरजमुखी एवं इसके तेल की कीमतों पर आंशिक रूप से दबाव पड़ सकता है जिससे भारत जैसे शीर्ष उत्पादक देश को थोड़ी राहत मिल सकती है।