सोयाबीन की बिजाई बढ़ी मगर वर्षा-बाढ़ से खतरा बरकरार

10-Sep-2024 08:37 PM

इंदौर । खरीफ सीजन की दोनों प्रमुख तिलहन फसल- सोयाबीन एवं मूंगफली के बिजाई क्षेत्र में अच्छी बढ़ोत्तरी हुई है जिसकी बदौलत खरीफ कालीन तिलहन फसलों का कुल उत्पादन क्षेत्र बढ़कर 192.40 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया है जो गत वर्ष की समान अवधि के बिजाई क्षेत्र 189.44 लाख हेक्टेयर से 1.6 प्रतिशत अधिक है।

इसके तहत सोयाबीन का क्षेत्रफल 123.85 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 125.11 लाख हेक्टेयर तथा मूंगफली का बिजाई क्षेत्र 43.39 लाख हेक्टेयर से उछलकर 47.49 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया। वैसे तिल एवं अरंडी के रकबे में कमी आई है जबकि सूरजमुखी का क्षेत्रफल गत वर्ष के लगभग बराबर ही है।

उद्योग-व्यापार समीक्षकों के अनुसार आमतौर पर मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान एवं कर्नाटक जैसे शीर्ष उत्पादक राज्यों में सोयाबीन फसल की हालत अच्छी है और इसका सही ढंग से विकास हो रहा है। बिजाई की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और पौधों में फूल तथा दाने लग रहे हैं।

अगैती बिजाई वाली फसल पकने लगी है और जल्दी ही इसकी कटाई-तैयारी शुरू हो सकती है। फसल की मौजूदा उत्साहवर्धक हालत को देखते हुए प्रतीत होता है कि आगे यदि भारी वर्षा एवं भयंकर बाढ़ या जल भराव का प्रकोप नहीं हुआ तो सोयाबीन का शानदार उत्पादन हो सकता है। वैसे गुजरात एवं जैसे राज्यों में फसल को  कुछ नुकसान होने की खबर है। 

उम्मीद के विपरीत इस बार सोयाबीन के बिजाई क्षेत्र में बढ़ोत्तरी हुई है। कमजोर बाजार भाव को देखते हुए इसके उत्पादन क्षेत्र में पहले 5-10 प्रतिशत की गिरावट आने का अनुमान लगाया जा रहा था।

थोक मंडी भाव तो अब भी ज्यादा तेज नहीं हुआ है सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर किसानों से इसकी भारी खरीद करने का आश्वासन दिया है।

सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य भी 6.3 प्रतिशत बढ़ाकर 4892 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित कर दिया है।