साप्ताहिक समीक्षा-लालमिर्च
21-Dec-2024 07:18 PM

लालमिर्च में निर्यात मांग कम : उत्पादन गत वर्ष से कम
नई दिल्ली । निर्यात एवं लोकल व्यापार कम रह जाने के कारण चालू सप्ताह के दौरान लालमिर्च के भाव दबे रहे। हालांकि चालू सीजन के दौरान उत्पादक केन्द्रों पर लालमिर्च का उत्पादन गत वर्ष की तुलना में कम होने के समाचार मिल रहे हैं। लेकिन गत वर्ष रिकॉर्ड पैदावार होने के कारण उत्पादक केन्द्रों पर बकाया स्टॉक पर्याप्त है। इसके अलावा जनवरी माह में नए सूखे मालों की आवक भी बढ़नी शुरू हो जाएगी। जिस कारण अभी लालमिर्च की कीमतों में तेजी की संभावना नहीं है। वर्तमान में प्रमुख उत्पादक राज्य आंध्र प्रदेश की गुंटूर मंडी में नए लालमिर्च की दैनिक आवक धीरे-धीरे बढ़कर 15/20 हजार बोरी हो गई है जबकि कोल्ड के मालों की आवक भी 60/70 हजार चल रही है। नए तेजा का भाव 164/165 रुपए एवं पुराने तेजा का भाव 159/160 रुपए बोला जा रहा है। वर्तमान में चीन की लिवाली काफी कम चल रही है जबकि बांग्ला देश की मांग भी सीमित है। सूत्रों का कहना है कि निर्यातक नए सूखे मालों की आवक बढ़ने का इंतजार कर रहा है।
मंदा-तेजी
कारोबारियों का मानना है कि भाव गत वर्ष से काफी कम होने के कारण वर्तमान कीमतों में अधिक मंदा संभव नहीं है। लेकिन नए मालों की आवक का दबाव बनने पर गुंटूर मंडी में तेजा का भाव 150/155 रुपए बन सकता है जबकि वर्तमान में भाव 160/165 रुपए चल रहा है। उल्लेखनीय है कि गत वर्ष दिसम्बर-2023 में गुंटूर मंडी में तेजा क्वालिटी का भाव 228/230 रुपए प्रति किलो चल रहा था।
स्टॉक अधिक
जानकार सूत्रों का कहना है कि प्रमुख उत्पादक राज्य आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना की मंडियों में लालमिर्च का स्टॉक गत वर्ष की तुलना में अधिक है। क्योंकि गत वर्ष अधिक पैदावार रही थी। एक अनुमान के अनुसार वर्तमान में गुंटूर मंडी में लालमिर्च का स्टॉक 35/36 लाख बोरी का माना जा रहा है जबकि गत वर्ष इसी समयावधि में स्टॉक 20/22 लाख बोरी का था। तेलंगाना में वर्तमान में लालमिर्च का स्टॉक 18/20 भाव बोरी होने के अनुमान लगाए जा रहे है जबकि गत 10/12 लाख बोरी का स्टॉक था।
उत्पादन कम
बाजार सूत्रों का कहना है कि चालू सीजन के दौरान उत्पादकों को उनकी उपज का उचित मूल्य न मिलने एवं प्रतिकूल मौसम के कारण उत्पादक राज्यों में इस वर्ष लालमिर्च की पैदावार प्रभावित हुई है। मध्य प्रदेश में पैदावार घटने के पश्चात आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना में भी पैदावार कमजोर होने के समाचार मिल रहे हैं। कर्नाटक में भी उत्पादन कम माना जा रहा है। व्यापारिक सूत्रों का मानना है कि इस वर्ष आंध्र प्रदेश में लालमिर्च का उत्पादन डेढ़ करोड़ बोरी से कम रहने की संभावना है। जबकि गत वर्ष उत्पादन लगभग दो करोड़ बोरी का रहा था। तेलंगाना में उत्पादन गत वर्ष के 75/80 लाख बोरी (प्रत्येक बोरी 40 किलो) के मुकाबले 55/60 लाख बोरी होने के अनुमान लगाए जा रहे हैं। मध्य प्रदेश में भी लालमिर्च का उत्पादन 30/35 लाख बोरी का रहा जोकि गत वर्ष 340/342 लाख बोरी का रहा था।
भाव
चालू सप्ताह के दौरान उत्पादक केन्द्रों की मंडियों पर लालमिर्च के भाव दबे रहे। गुंटूर मंडी में तेजा का भाव 165 रुपए से नरमी के साथ 164 रुपए पर बोला गया। जबकि खम्मम मंडी में तेजी क्वालिटी का भाव 168 रुपए खुलने के पश्चात सप्ताह के मध्य में 165 रुपए बनने के पश्चात सप्ताह के अंत में 167 रुपए बोला गया। वारंगल मंडी में लालमिर्च तेज का भाव 160 रुपए से नरमी के साथ सप्ताह के अंत में 155 रुपए पर बोला गया।
निर्यात
चालू सीजन के दौरान लालमिर्च की कीमतें मंदी होने के कारण लालमिर्च निर्यात में वृद्धि दर्ज की गई है। मसाला बोर्ड द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार अप्रैल-सितम्बर- 2024 के दौरान लालमिर्च का निर्यात 271947.95 टन का किया गया। जबकि अप्रैल-सितम्बर 2023 में निर्यात 260218.78 टन का निर्यात किया गया था। वर्ष 2020-21 में लालमिर्च का रिकॉर्ड निर्यात 649815 टन का हुआ था। जबकि वर्ष 2021-22 में निर्यात 557144 टन एवं वर्ष 2022-23 में 516177 टन का किया गया था। वर्ष 2023-24 में कुल निर्यात 601084 टन का रहा।