साप्ताहिक समीक्षा-गेहूं

21-Dec-2024 07:05 PM

सरकारी बिक्री एवं मिलर्स की मांग से गेहूं के दाम में मिश्रित रूख 

नई दिल्ली । भारतीय खाद्य निगम द्वारा वर्तमान चरण के दौरान खुले बाजार बिक्री योजना के तहत तीन बार साप्ताहिक ई-नीलामी आयोजित की जा चुकी है और प्रत्येक नीलामी में एक-एक लाख टन गेहूं की बिकी का ऑफर दिया गया जिसके 98-99 प्रतिशत भाग की खरीद मिलर्स- प्रोसेसर्स द्वारा कर ली गई। 
बेहतर मांग 
इससे सरकारी गेहूं के प्रति उसके आकर्षण का स्पष्ट संकेत मिलता है। इसके बावजूद प्रमुख थोक मंडियों में गेहूं की अच्छी मांग बनी हुई है और सीमित आवक के साथ 14-20 दिसम्बर वाले सप्ताह के दौरान आमतौर पर इसके दाम में तेजी दर्ज की गई। कुछ मंडियों में कीमत कमजोर भी रहे। 
तेजी - मंदी 
समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान दिल्ली में यूपी / राजस्थान के गेहूं का भाव 10 रुपए गिरकर 3070 रुपए प्रति क्विंटल रह गया। इसी तरह गुजरात के राजकोट एवं मध्य प्रदेश के डबरा में भाव 50-50 रुपए और देवास 100 रुपए प्रति क्विंटल नीचे आ गया। लेकिन मध्य प्रदेश की अन्य मंडियों, राजस्थान तथा उत्तर प्रदेश की अधिकांश मंडियों में गेहूं के दाम में तेजी दर्ज की गई। इसका भाव भोपाल में 100 रुपए, इंदौर में 80 रुपए, खंडवा में 50 रुपए तथा इटारसी में 40 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ गया। राजस्थान के कोटा में 50 रुपए तथा बूंदी मंडी में 25 रुपए की तेजी रही। हालांकि उत्तर प्रदेश में गोरखपुर एवं गोंडा में गेहूं का भाव 70-70 रुपए तथा मैनपुरी में 10 रुपए कमजोर रहा लेकिन शाजहांपुर, हरदोई, सीतापुर एवं एटा जैसी मंडियों में गेहूं के दाम में सुधार दर्ज किया गया। 
आवक 
अधिकांश मंडियों में गेहूं की सीमित आवक हो रही है क्योंकि इसकी आपूर्ति का ऑफ सीजन चल रहा है। दूसरी ओर मिलर्स-प्रोसेसर्स की  मांग में कोई कमी नहीं आई है। 
खरीद 
सरकारी गेहूं की उच्चतम साप्ताहिक खरीद सीमा 100 टन निर्धारित है जो 400 टन मासिक बैठती है। बड़ी-बड़ी फ्लोर मिलों एवं प्रोसेसिंग इकाइयों के लिए यह मात्रा पर्याप्त नहीं है इसलिए उसे अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए मंडियों पर निर्भर रहना पड़ रहा है। छोटे मिलर्स की खरीदारी कुछ घटने की संभावना है।