सहकारी चीनी मिलों को राहत देने के लिए सरकार ने उठाए है अनेक कदम

26-Jul-2024 08:32 PM

नई दिल्ली । केन्द्र सरकार ने सहकारी क्षेत्र की चीनी मिलों को राहत और रियायत देने के लिए अनेक कदम उठाए हैं जिसकी मांग लम्बे समय से की जा रही थी। राज्य सभा में दी गई जानकारी के अनुसार सहकारी चीनी मिलों को अप्रैल 2016 से गन्ना  किसानों के बकाए का भुगतान करने पर अतिरिक्त आयकर से छूट मिल जाएगी।

यह बकाया राशि गन्ना के उचित एवं लाभकारी मूल्य (एफआरपी) अथवा राज्य समर्थित मूल्य (एमएसपी) में से कोई भी हो सकती है।

इसी तरह आयकर से संबंधित सहकारी चीनी मिलों के दशकों पुराने लंबित मामलों का समाधान कर दिया गया है। इसके लिए 2023-24 के केन्द्रीय आम बजट में एक प्रावधान किया गया है कि सहकारी चीनी मिलों द्वारा अगर समीक्षा (आंकलन) वर्ष 2016-17 से पूर्व की अवधि के लिए गन्ना किसानों को बकाया मूल्य का भुगतान किया गया है तो उससे व्यय के तौर पर दावा करने की स्वीकृति प्रदान की गई है।

इससे सहकारी चीनी मिलों को 10,000 करोड़ रुपए से अधिक की राहत मिलेगी। आर्थिक दृष्टि से सहकारी चीनी मिलों को मजबूत करने के उद्देश्य से 10,000 करोड़ रुपए की एक ऋण योजना आरंभ की गई है

जिसके तहत एथनॉल प्लांट या सह उत्पाद संयंत्र स्थापित करने अथवा कार्यशील पूंजी की जरूरत को पूरा करने या फिर तीनों उद्देश्यों के लिए राष्ट्रीय   सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) के तहत सरकारी स्तर पर एथनॉल की खरीद के लिए सहकारी एवं प्राइवेट चीनी मिलों को समान अवसर दिया जाएगा।

सरकार ने शीरा पर जीएसटी को 28 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत नियत करने का निर्णय लिया है सहकारी चीनी मिलें भी उच्च मार्जिन के साथ डिस्टीलरीज को इसकी आपूर्ति कर सकेगी।