पीली मटर के शुल्क मुक्त आयात से चना के दाम पर भी दबाव पड़ने की संभावना

11-Dec-2023 06:26 PM

मुम्बई । केन्द्र सरकार द्वारा 7 दिसम्बर को पीली मटर के शुल्क मुक्त आयात की अनुमति दिये जाने से इसके घरेलू बाजार भाव में नरमी का दौर शुरू हो गया जबकि आगामी समय में यह चना बाजार को भी प्रभावित करेगा।

कनाडा और रूस जैसे देशों में पीली मटर का भाव कुछ तेज होने लगा है लेकिन जानकारों का मानना है कि कुछ आयातकों को पहले ही इसकी भनक लग गई थी और इसलिए उन्होंने इसके कुछ सौदे भी लिए थे। मटर की बिजाई अंतिम चरण में है इसलिए सरकार के निर्णय से इसके क्षेत्रफल पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा।

इस बार मटर की अच्छी बिजाई हुई है और इसलिए उत्पादन भी 7 लाख टन तक पहुंचने का अनुमान लगाया जा रहा है। यदि कनाडा तथा रूस से 31 मार्च 2024 तक 4-5 लाख टन का आयात हो जाता है तो इसकी उपलब्धता 11-12 लाख टन टी पहुंच सकती है। इससे कीमतों में तेजी की संभावना घट जाएगी और चना की खपत में भी कुछ कमी आ सकती है। 

मटर का भाव नीचे में 4400-4500 रुपए से लेकर ऊपर में 5400-5500 रुपए प्रति क्विंटल के बीच बताया जा रहा है। आगे इसमें कुछ और नरमी आने की संभावना है। मध्य प्रदेश के एक कारोबारी का कहना है कि नई घरेलू फसल की जोरदार आवक के समय यदि मटर का भाव घटकर 4000 रुपए प्रति क्विंटल के आसपास आ जाए तो कोई हैरानी की बात नहीं होगी।

उत्तर प्रदेश के प्रमुख व्यापारिक नगर- कानपुर में इसका दाम नरम पड़ने लगा है। दरअसल वहां से पूर्वी राज्यों बिहार, बंगाल, झारखंड उड़ीसा एवं आसाम आदि तक कानपुर से मटर जा रही थी जिससे वहां इसका दाम बढ़कर 5800-5900 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंच गया था।

लेकिन अब पूर्वी राज्यों के खरीदार मटर की खरीद में कम दिलचस्पी दिखा सकते हैं क्योंकि उसे विदेशों से आयातित माल का विकल्प मिल सकता है। मटर का दाम गिरने पर उसकी खपत बढ़ेगी तो चना पर दबाव घट जाएगा। फरवरी-मार्च से नए चने की आवक भी शुरू हो जाएगी जबकि सरकारी स्टॉक से इसकी बिक्री जारी रह सकती है।