ऑस्ट्रेलिया से जनवरी के मुकाबले फरवरी में चना का निर्यात काफी घटा
04-Apr-2025 05:01 PM

ब्रिसबेन। देसी चना के सबसे प्रमुख निर्यातक एवं दूसरे सबसे बड़े उत्पादक देश- ऑस्ट्रेलिया से इस प्रमुख दलहन का निर्यात प्रदर्शन कमजोर पड़ने लगा है क्योंकि भारतीय आयातकों की दिलचस्पी इसमें तेजी से घटने लगी है।
सरकारी संस्था- ऑस्ट्रेलियाई सांख्यिकी ब्यूरो (एबीएस) के आंकड़ों के अनुसार जनवरी में ऑस्ट्रेलिया से 5,76,907 टन चना का शानदार निर्यात हुआ था जो फरवरी 2025 में घटकर 2,98,792 टन पर अटक गया। इसक प्रमुख कारण भारत में आयात घटना है।
फरवरी 2025 के दौरान ऑस्ट्रेलिया से भारत को 2,35,264 टन चना का निर्यात किया गया जबकि पाकिस्तान को 37,817 टन तथा बांग्ला देश को 14,344 टन का शिपमेंट हुआ। ये तीन देश ऑस्ट्रेलियाई चना के सबसे प्रमुख खरीदार बने रहे।
सरकारी एजेंसी- अबारेस के अनुसार 2024-25 सीजन के दौरान ऑस्ट्रेलिया में चना का कुल उत्पादन तेजी से बढ़कर 22 लाख टन से भी ऊपर पहुंच गया जो उत्पादन का सर्वकालीन सर्वोच्च स्तर है। वहां इसका पिछला बकाया स्टॉक भी मौजूद था।
एबीएस की रिपोर्ट के अनुसार भारत की जबरदस्त मांग के कारण चालू मार्केटिंग सीजन के आरंभिक पांच महीनों में यानी अक्टूबर 2024 से फरवरी 2025 के दौरान ऑस्ट्रेलिया से देसी चना का कुल निर्यात बढ़कर 20.10 लाख टन के शीर्ष स्तर पर पहुंच गया
जो 2023-24 सीजन की समान अवधि के कमजोर शिपमेंट से 867 प्रतिशत अधिक रहा। इस 20.10 लाख टन के कुल निर्यात में अकेले भारत के आयात की भागीदारी 50 प्रतिशत के करीब रही।
भारत सरकार ने घरेलू प्रभाग में आपूर्ति एवं उपलब्धता बढ़ाने तथा कीमतों में तेजी पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से मई 2024 में देसी चना के आयात को शुल्क मुक्त कर दिया था और उसके बाद देश में इसका आयात तेजी से बढ़ने लगा।
घरेलू प्रभाग में आपूर्ति बढ़ने से चना का भाव नीचे आने लगा। सरकार ने इसके आयात पर 11 प्रतिशत का सीमा शुल्क लगा दिया है। मार्च में चना का आयात और भी घटने की संभावना है। घरेलू प्रभाग में नए चने की आवक जोर पकड़ने लगी है।