दूसरी तिमाही में सीपीओ का भाव नरम पड़ने का अनुमान

15-Apr-2025 07:57 PM

कुआलालम्पुर। एक अग्रणी बाजार अनुसंधान फर्म- सीजीएस इंटरनेशन रिसर्च ने चालू वर्ष की दूसरी तिमाही (अप्रैल- जून 2025) के दौरान क्रूड पाम तेल (सीपीओ) का भाव कुछ नरम पड़ने का अनुमान लगाया है।

फर्म के अनुसार सीपीओ की आपूर्ति एवं उपलब्धता में बढ़ोत्तरी होने के संकेत मिल रहे हैं जबकि अन्य प्रतिद्वंदी खाद्य तेलों का उत्पादन बढ़ने तथा इसकी कीमतों पर दबाव पड़ने से पाम तेल का बाजार भी नरम पड़ सकता है।

सरकारी एजेंसी- मलेशियन पाम ऑयल बोर्ड (एम्पोब) की एक रिपोर्ट के अनुसार फरवरी की तुलना में मार्च के दौरान उत्पादन में बढ़ोत्तरी होने से मलेशिया में पाम तेल उत्पादों के बकाया अधिशेष स्टॉक में करीब 4 प्रतिशत का इजाफा हो गया। 

रिसर्च फर्म के अनुसार घरेलू प्रभाग में पाम तेल की मांग एवं खपत उम्मीद से ज्यादा होने के बावजूद बकाया स्टॉक बढ़ गया जिससे साफ पता चलता है कि मलेशिया में इसके उत्पादन में उम्मीद से अधिक बढ़ोत्तरी हुई।

उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार मार्च माह के दौरान क्रूड पाम तेल का उत्पादन फरवरी के मुकाबले 16.8 प्रतिशत बढ़कर 13.90 लाख टन पर पहुंच गया जो उद्योग- व्यापार क्षेत्र के अनुमान से भी ज्यादा था।

समझा जाता है कि मार्च के अंत में मलेशिया में हरी राया पर्व के कारण अवकाश होने वाला था और इसलिए क्रशर्स- प्रोसेसर्स ने उससे पूर्व पाम तेल का उत्पादन बढ़ाने का जोरदार प्रयास किया।

यदि अप्रैल में भी बेहतर उत्पादन हुआ तो पाम तेल की उपलब्धता और बढ़ जाएगी जिससे कीमतों में नरमी का माहौल बन सकता है। उत्पादन में बढ़ोत्तरी के साथ-साथ वैश्विक दबाव से भी पाम तेल की कीमतों में थोड़ी गिरावट आ सकती है। 

अमरीकी टैरिफ नीति के कारण विश्व स्तर पर खाद्य तेल बाजार में अनिश्चितता की स्थिति उत्पन्न हो गई है। इससे आपूर्ति शृंखला में बाधा पड़ने तथा मांग का समीकरण बिगड़ने की आशंका है।

समीक्षकों के अनुसार चालू माह के दौरान भी पाम तेल का उत्पादन बेहतर होने की उम्मीद है क्योंकि मौसम की हालत अनुकूल होने से ऑयल पाम से तेल की रिकवरी दर बढ़ने के आसार हैं। रिसर्च फर्म ने चालू वर्ष के दौरान सीपीओ का वायदा भाव 4000 रिंगिट प्रति टन के आसपास रहने का अनुमान लगाया है।