पंजाब में चावल के सुरक्षित भंडारण की गंभीर समस्या मौजूद
01-Aug-2025 04:23 PM

चंडीगढ़। केन्द्रीय पूल में खाद्यान्न का सर्वाधिक योगदान देने वाले राज्य- पंजाब में चावल के सुरक्षित भंडारण का गंभीर संकट बना हुआ है जबकि आगामी महीनों में यह समस्या और भी बढ़ने की अशंका है। पंजाब में धान की रोपाई लगभग समाप्त हो चुकी है और अक्टूबर में इसकी कटाई-तैयारी आरंभ हो जाएगी।
इसके बाद भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) को राइस मिलर्स से कस्टम मिल्ड राइस (सीएमआर) की जोरदार आपूर्ति होने लगेगी मगर उस चावल को रखने के लिए राज्य के गोदामों में जगह का अभाव रहेगा। इसे देखते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री ने केन्द्र सरकार से धान की आधिकारिक खरीद का सीजन एक पखवाड़ा आगे बढ़ाने का आग्रह किया है।
आमतौर पर पंजाब में 1 अक्टूबर से धान की सरकारी खरीद आरंभ हो जाती है जबकि मुख्यमंत्री ने इस बार 15 सितम्बर से ही खरीद की प्रक्रिया शुरू करने का आग्रह किया है क्योंकि इस बार राज्य में धान की खेती नियत समय से पहले ही आरंभ हो गई थी।
जानकार सूत्रों के अनुसार पंजाब के गोदामों में जगह की कमी है। जब धान की नई फसल की आवक शुरू होगी तब सरकार को चावल के भंडारण की गंभीर चुनौती का सामना करना पड़ेगा। पिछले साल भी ऐसी ही स्थिति उत्पन्न हुई थी जब भंडारण सुविधाओं की कमी के कारण धान का ठीक से संग्रहण नहीं हो सका था।
उल्लेखनीय है कि पंजाब में कवर्ड एवं ओपन प्लीन्थ को मिलाकर 220 लाख टन अनाज के भंडारण की सुविधा उपलब्ध है जबकि वर्तमान समय में ये सारे गोदाम खाद्यान्न के स्टॉक से लबालब भरे हुए हैं।
प्रत्येक वर्ष पंजाब में केन्द्रीय पूल के लिए करीब 250 लाख टन खाद्यान्न (गेहूं एवं चावल) भारतीय खाद्य निगम को प्राप्त होता है। चूंकि मौजूदा भंडारण स्थान पूरी तरह भरा हुआ है इसलिए अगर अगस्त-सितम्बर के दौरान उसे खाली करने का जोरदार प्रयास नहीं किया गया तो अक्टूबर से नई मुसीबत पैदा हो सकती है।
पंजाब की मंडियों में खरीफ मार्केटिंग सीजन के दौरान 180-190 लाख टन के बीच धान की आवक होती है और कस्टम मिलिंग के बाद इससे 66 प्रतिशत चावल प्राप्त होता है जो 120 लाख टन के आसपास बैठता है।
पंजाब से प्रतिमाह औसतन 7-8 लाख टन चावल ही अन्य राज्यों को भेजा जा सकता है और इस तरह 20 से 30 लाख टन चावल का स्टॉक पंजाब में ही रह जाता है।