मुम्बई में SEA की एजीएम व अवॉर्ड सेरेमनी, तेल उद्योग पर अहम चर्चाएँ

24-Sep-2025 08:53 PM

मुम्बई में SEA की एजीएम व अवॉर्ड सेरेमनी, तेल उद्योग पर अहम चर्चाएँ

SEA की वार्षिक आम बैठक और पुरस्कार समारोह में देश के तेल उद्योग से जुड़े प्रमुख मुद्दों पर चर्चा हुई।
विद्या भूषण, डायरेक्टर, बंज इंडिया ने कहा कि आने वाले वर्ष में खाद्य तेलों का आयात बढ़ने की संभावना है।
2025 (खरीफ+रबी) तिलहन फसल का अनुमान इस प्रकार है –
सोयाबीन: 99 लाख टन
मूंगफली: 84 लाख टन
सरसों: 100 लाख टन
सूरजमुखी: 0.26 लाख टन
बायोफ्यूल नीतियां (अमेरिका, इंडोनेशिया, ब्राज़ील), अर्जेंटीना में 31 अक्टूबर 2025 तक लागू शुल्क कटौती के संभावित विस्तार, ब्लैक सी क्षेत्र के मौसम की स्थिति और खरीफ फसल पर हालिया अधिक वर्षा का असर जैसे कारक बाजार को प्रभावित करेंगे।
जीएसटी हटने से तेलों की मांग में बढ़ोतरी का भी अनुमान है। 
मूंगफली की फसल अच्छी है लेकिन सोयाबीन की फसल कमजोर है।

संजीव अवस्थाना, अध्यक्ष, SEA
सरकार का तेलों पर आयात शुल्क बढ़ाने का निर्णय सही रहा। राष्ट्रीय तेल मिशन एक सराहनीय कदम है।
हालांकि मुद्रा में उतार-चढ़ाव, शुल्क परिवर्तन और युद्ध जैसी परिस्थितियां वैश्विक व्यापार के लिए बड़ी चुनौती हैं। 
इस वर्ष कृषि वृद्धि 3.8% रहने का अनुमान है।
60% आयात बहुत अधिक है, देश में घरेलू उत्पादन बढ़ाना आवश्यक है।
नेपाल से आयात एक बड़ा मुद्दा बन गया है।
चावल भूसी (राइस ब्रान) तेल के निर्यात पर लगी पाबंदी हटाने की जरूरत है और चीन को रेपसीड मील का निर्यात भारत के लिए बड़ा अवसर है।
उन्होंने सरकार से सोयाबीन किसानों को एमएसपी से कम कीमत मिलने पर स्थायी तंत्र बनाने की मांग की।साथ ही NOPA के नए आदेश को उद्योग के लिए सकारात्मक बताया और मानक पैकिंग नियमों की समीक्षा की जरूरत जताई।

संजीव चोपड़ा, सचिव, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग
आयात शुल्क बढ़ाने के निर्णय से घरेलू प्रसंस्करण संयंत्रों को बढ़ावा मिला है।
आयात पर निर्भरता भारत के लिए अच्छी नहीं है, इसलिए तिलहन के उत्पादन और उत्पादकता को बढ़ाना जरूरी है।
दलहनों में भी आत्मनिर्भरता हासिल करने की आवश्यकता है।
इस अवसर पर उद्योग से जुड़ी कोई नई घोषणा उनके भाषण में नहीं की गई।