खाद्यान्न की खरीद एवं सब्सिडी प्रबंधन पर खाद्य मंत्रालय एवं खाद्य निगम के बीच समझौता
24-Sep-2025 08:35 PM

नई दिल्ली। केन्द्रीय खाद्य मंत्रालय तथा भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के बीच वित्त वर्ष 2025-26 के लिए एक समझौता हुआ है जिसमें खाद्यान्न प्रबंधन में सुधार लाने तथा सब्सिडी का अधिकतम सदुपयोग करने पर ध्यान देने की बात कही गई है।
इसके तहत भंडारण के क्रम में खाद्यान्न के नुकसान को घटाकर न्यूनतम स्तर पर लाना, गुणवत्ता नियंत्रण को बढ़ाना तथा सूचना - प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में होने वाले नए विकास को अपनाना शामिल है।
आपसी सहमति के इस समझौते में खाद्यान्न की खरीद का ऐसा लक्ष्य निर्धारित करना भी सम्मिलित हैं जिसका संचालन बेहतर ढंग से हो सके।
इसके साथ-साथ निगम के कार्मिकों के लिए क्षमता का निर्माण करना और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के अंतर्गत देश के 80 करोड़ से अधिक लाभार्थियों के बीच खाद्यान्न के वितरण में सहयोग देना भी इस समझौते का अंग है।
भारतीय खाद्य निगम द्वारा प्रत्येक वर्ष किसानों से धान (चावल) तथा गेहूं की विशाल मात्रा की खरीद की जाती है और इसके परिवहन, भंडारण, रख रखाव तथा वितरण का दायित्व भी संभाला जाता है।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार खाद्य तथा सार्वजनिक वितरण विभाग तथा भारतीय खाद्य निगम द्वारा आपसी सहमति के एक समझौते पर हस्ताक्षर किया गया है
जो 2025-26 के मौजूदा वित्त वर्ष के लिए मान्य होगा। खाद्य मंत्रालय चाहता है कि खाद्यान्न के भंडराण, रख रखाव तथा परिवहन के दौरान कम से कम नुकसान हो और प्रत्येक स्तर पर नवीनतम तकनीक तथा उच्च प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया जाए। खाद्य सब्सिडी की राशि का सही ढंग से इस्तेमाल करने पर भी जोर दिया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि चालू वित्त वर्ष के शुरुआती पांच महीनों (अप्रैल-अगस्त-2025) के दौरान खाद्य निगम ने ट्रांजिट के क्रम 114 करोड़ रुपए मूल्य के 32 हजार टन अनाज का स्टॉक गंवा दिया उस अवधि में देशभर में हुए सरकारी खाद्यान्न के कुल परिवहन 189 लाख टन का 0.17 प्रतिशत रहा।
इससे पूर्व वित्त वर्ष 2024-25 की समान अवधि के दौरान 236 करोड़ रुपए मूल्य का लगभग 73 हजार टन अनाज बर्बाद हो गया था। इस पर रोक लगाने की आवश्यकता है।