मक्का के सहारे मोटे अनाजों के क्षेत्रफल में अच्छी बढ़ोत्तरी
05-Aug-2025 09:41 PM

नई दिल्ली। यद्यपि पिछले साल की तुलना में चालू खरीफ सीजन के दौरान राष्ट्रीय स्तर पर मोटे अनाजों के संवर्ग में ज्वार, बाजरा, रागी एवं स्मॉल मिलेट्स के बिजाई क्षेत्र में कुछ कमी आई है
मगर उम्मीद के अनुरूप मक्का के क्षेत्रफल में लगभग 10 लाख हेक्टेयर का जबरदस्त इजाफा हुआ है और इसके सहारे मोटे अनाजों का कुल उत्पादन क्षेत्र भी गत वर्ष के 165 लाख हेक्टेयर से 8 लाख हेक्टेयर बढ़कर 173 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया है।
केन्द्रीय कृषि मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले साल की तुलना में मौजूदा खरीफ सीजन के दौरान देश में ज्वार का उत्पादन क्षेत्र 13.50 लाख हेक्टेयर से फिसलकर 13.20 लाख हेक्टेयर, बाजरा का बिजाई क्षेत्र 62.40 लाख हेक्टेयर से घटकर 61.60 लाख हेक्टेयर तथा रागी का रकबा 3.20 लाख हेक्टेयर से गिरकर 2.80 लाख हेक्टेयर पर अटक गया।
इसी तरह स्मॉल मिलेट्स का क्षेत्रफल भी 3.70 लाख हेक्टेयर से गिरकर 3.40 लाख हेक्टेयर रह गया लेकिन मक्का का उत्पादन क्षेत्र 82 लाख हेक्टेयर से उछलकर 92 लाख हेक्टेयर के करीब पहुंच गया
जो सामान्य औसत क्षेत्रफल 79 लाख हेक्टेयर से 13 लाख हेक्टेयर ज्यादा है। मोटे अनाजों का पंचवर्षीय औसत क्षेत्रफल इस बार 181 लाख हेक्टेयर आंका गया है जबकि 173 लाख हेक्टेयर में इसकी खेती पूरी हो चुकी है और बिजाई की प्रक्रिया अभी जारी है।
मक्का के उत्पादन क्षेत्र में इस बार वृद्धि होने का अनुमान पहले से ही लगाया जा रहा था क्योंकि इसका मांग एवं कीमत मजबूत बनी हुई है।
इसका न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) भी 2024-25 सीजन के 2225 रुपए प्रति क्विंटल से 175 रुपए बढ़ाकर 2025-26 सीजन के लिए 2400 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। एथनॉल निर्माण उद्योग में इसकी खपत तेजी से बढ़ती जा रही है जबकि अन्य खपतकर्ता उद्योगों में भी इसकी मांग मजबूत बनी हुई है।