खरीफ फसलों का उत्पादन क्षेत्र 933 लाख हेक्टेयर पर पहुंचा
05-Aug-2025 09:46 PM

नई दिल्ली। धान, मोटे अनाज एवं गन्ना के रकबे में हुई बढ़ोत्तरी के सहारे खरीफ फसलों का क्षेत्र इस बार बढ़कर 933 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया है जो पिछले साल की इसी अवधि के बिजाई क्षेत्र 888 लाख हेक्टेयर से 45 लाख हेक्टेयर ज्यादा मगर सामान्य औसत क्षेत्रफल 1096 लाख हेक्टेयर से 163 लाख हेक्टेयर पीछे है।
खरीफ फसलों की खेती पूरे अगस्त के साथ-साथ सितम्बर के दूसरे-तीसरे सप्ताह तक जारी रहती है। इस डेढ़ माह की अवधि में बिजाई क्षेत्र में अच्छा सुधार आ सकता है।
दक्षिण-पश्चिम मानसून की अच्छी बारिश होने से राष्ट्रीय स्तर पर धान का उत्पादन क्षेत्र गत वर्ष के 274 लाख हेक्टेयर से उछलकर इस बार 319 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया है।
इसी तरह मोटे अनाजों का बिजाई क्षेत्र 165 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 319 लाख हेक्टेयर तथा गन्ना का क्षेत्रफल 55.70 लाख हेक्टेयर से सुधरकर 57.30 लाख हेक्टेयर पर पहुंचा है।
दूसरी ओर समीक्षाधीन अवधि के दौरान दलहन फसलों का उत्पादन क्षेत्र 101.50 लाख हेक्टेयर से फिसलकर 101.20 लाख हेक्टेयर तिलहनों का बिजाई क्षेत्र 178.10 लाख हेक्टेयर से घटकर 171 लाख हेक्टेयर तथा कपास का क्षेत्रफल 108.40 लाख हेक्टेयर से गिरकर 105.90 लाख हेक्टेयर पर आ गया जूट मेस्ता के रकबे में भी थोड़ी गिरावट आई है।
दलहन फसलों में मूंग एवं मोठ की बिजाई गत वर्ष से अधिक क्षेत्रफल में हुई है मगर तुवर एवं उड़द का रकबा पीछे चल रहा है। तिलहन फसलों में अरंडी को छोड़ कर अन्य फसलों के बिजाई क्षेत्र में कमी आई है जिसमें सोयाबीन, मूंगफली, तिल एवं सूरजमुखी तेल भी शामिल है। मूंगफली का उत्पादन क्षेत्र पहले गत वर्ष से आगे चल रहा था मगर अब पीछे हो गया है। सोयाबीन का रकबा पहले से ही पीछे है। अब तिल का क्षेत्रफल भी घट गया है।
जहां तक मोटे अनाज का सवाल है तो ज्वार, बाजरा एवं रागी का उत्पादन क्षेत्र गत वर्ष से कुछ घट गया है है मगर उम्मीद के अनुरूप मक्का के बिजाई क्षेत्र में करीब 10 लाख हेक्टेयर की जबरदस्त बढ़ोत्तरी हुई है और इसका क्षेत्रफल गत वर्ष के 82 लाख हेक्टेयर से उछलकर इस बार 92 लाख हेक्टेयर के करीब पहुंच गया है।