कनाडा में शुष्क एवं गर्म मौसम से कृषि जिंसों का उत्पादन एवं निर्यात प्रभावित होने की आशंका
21-Nov-2023 03:39 PM
मांट्रियल । कनाडा में 2021 की भांति वर्ष 2023 में बड़े पैमाने पर सूखे का माहौल बनने से अनाज, दलहन एवं तिलहन फसलों का उत्पादन काफी हद तक प्रभावित हुआ जिससे इसके निर्यात का प्रदर्शन कमजोर रहने की संभावना है। वर्ष 2022 का मौसम अपेक्षाकृत बेहतर रहा था।
सरकारी एजेंसी- स्टैट्स कैन द्वारा जारी आंकड़ों से पता चलता है कि कनाडा में शीत बसंतकालीन फसलों की कटाई-तैयारी समाप्त हो चुकी है जबकि ग्रीष्मकालीन फसलों की कटाई अब अंतिम चरण में पहुंच गई है।
कनाडा में प्रमुख फसलों का कुल उत्पादन गत वर्ष की तुलना में 13 प्रतिशत घटकर 845 लाख टन रह जाने का अनुमान है। पिछले साल (2022-23 में) वहां 971 लाख टन का उत्पादन आंका गया था।
बिजाई के बावजूद जिन इलाकों में फसलों की कटाई नहीं हो सकी उसके क्षेत्रफल में भी इस बार 1 प्रतिशत की वृद्धि हो गई। इसके फलस्वरूप वहां कुल कटाई क्षेत्र 305 लाख हेक्टेयर पर बरकरार रहा लेकिन सभी फसलों का संयुक्त रूप से औसत उपज दर गत वर्ष के 3.19 टन प्रति हेक्टेयर से घटकर इस बार 2.77 टन प्रति हेक्टेयर रह गई।
गेहूं का उत्पादन 2022-23 सीजन से 343 लाख टन से घटकर 2023-24 के सीजन में 298 लाख टन पर सिमट गया लेकिन फिर भी यह अब तक का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादन है जो 2021-22 सीजन के उत्पादन 224 लाख टन से काफी अधिक है।
तिलहन फसलों में कैनोला का उत्पादन पिछले साल से 13 लाख टन घटकर इस बार 194 लाख टन पर अटकने का अनुमान है जो पंचवर्षीय औसत उत्पादन 186 लाख टन से 7 प्रतिशत कम है। मक्का एवं जौ का उत्पादन अपेक्षाकृत बेहतर है और सोयाबीन तथा सामान्य उत्पादन हुआ है।
दलहन फसलों के अंतर्गत वहां मटर और मसूर का सर्वाधिक उत्पादन होता है। स्टैट्स कैन की रिपोर्ट के अनुसार 2022-23 की तुलना में 2023-24 सीजन के दौरान मटर का उत्पादन 33 प्रतिशत घटकर 22.70 लाख टन तथा मसूर का उत्पादन भी 33 प्रतिशत गिरकर 15.40 लाख टन पर सिमट जाने का अनुमान है।
इसका प्रमुख कारण फसलों के कटाई क्षेत्र में कमी आना तथा उसकी औसत उपज दर का नीचे रहना है। पश्चिमी कनाडा के कई भागों में भयंकर सूखा पड़ने से दलहन फसलों का ठीक से विकास नहीं हो पाया था।
रिपोर्ट के मुताबिक कम उत्पादन एवं सीमित बकाया स्टॉक के कारण कनाडा से पिछले मार्केटिंग सीजन के मुकाबले 2023-24 के सीजन में मटर का निर्यात 26 प्रतिशत गिरकर 19 लाख टन एवं मसूर का शिपमेंट 36 प्रतिशत घटकर 14 लाख टन पर अटकने की संभावना है।