जायद फसलों की बिजाई अच्छी लेकिन भीषण गर्मी से प्रगति में बाधा

24-Apr-2025 05:15 PM

नई दिल्ली। हालांकि ग्रीष्म कालीन या जायद फसलों का उत्पादन क्षेत्र पिछले साल के मुकाबले करीब 9 लाख हेक्टेयर की वृद्धि के साथ सामान्य औसत क्षेत्रफल के काफी निकट पहुंच गया है लेकिन कई इलाकों में भीषण गर्मी पड़ने तथा बारिश का अभाव होने से फसलों के विकास में बाधा पड़ रही है।

कुछ क्षेत्रों में तत्काल एक-दो अच्छी बारिश की सख्त जरूरत महसूस की जा रही है। पश्चिमी प्रान्त गुजरात में जायद फसलों की अच्छी खेती हुई है मगर वहां तापमान ऊंचा चल रहा है। 

केन्द्रीय कृषि मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि चालू वर्ष के दौरान 18 अप्रैल तक जायद फसलों का कुल उत्पादन क्षेत्र बढ़कर 68.80 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया जो पिछले साल की इसी अवधि के बिजाई क्षेत्र 59.73 लाख हेक्टेयर से 9.07 लाख हेक्टेयर ज्यादा मगर सामान्य औसत क्षेत्रफल 71.34 लाख हेक्टेयर से कुछ कम है। चूंकि कुछ इलाकों में बिजाई की प्रक्रिया अभी जारी है इसलिए कुल रकबा सुधरकर सामान्य औसत क्षेत्रफल तक पहुंच सकता है। 

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार पिछले साल की तुलना में चालू वर्ष के दौरान धान का उत्पादन क्षेत्र 27.60 लाख हेक्टेयर से उछलकर 31.57 लाख हेक्टेयर, दलहनों का बिजाई क्षेत्र 13.44 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 16.56 लाख हेक्टेयर, मोटे अनाजों का क्षेत्रफल 9.92 लाख हेक्टेयर से सुधरकर 11.51 लाख हेक्टेयर तथा तिलहनों का रकबा 8.77 लाख हेक्टेयर से सुधरकर 9.16 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया।

गत वर्ष की तुलना में इस बार मूंग, उड़द, मक्का, मूंगफली एवं तिल के बिजाई क्षेत्र में अच्छी बढ़ोत्तरी हुई है जबकि अन्य फसलों का क्षेत्रफल (धान को छोड़कर) या तो गत वर्ष के बराबर या उससे कुछ पीछे चल रहा है। 

जायद फसलों की बिजाई फरवरी में आरंभ हुई थी और कमोबेश मध्य मई तक जारी रहने की संभावना  है। इसकी अगैती बिजाई वाली फसल की कटाई-तैयारी अगले महीने से शुरू हो सकती है।